मनोज तिवारी ने कबूला क्यों चुनाव में हो गई थी टेंशन, हार का भी लगा था डर
Manoj Tiwari: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से लगातार तीसरी बार सांसद बने मनोज तिवारी ने कबूल किया है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की दोस्ती से उन्हें टेंशन हो गई थी। कन्हैया कुमार पर भी तिवारी ने लगाया एक आरोप।
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से लगातार तीसरी बार सांसद बने मनोज तिवारी ने कबूल किया है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की दोस्ती से उन्हें टेंशन हो गई थी। साफगोई के साथ तिवारी ने कहा कि उन्हें एक बार तो लगा था कि दोनों के वोटशेयर मिल जाने से वह हार सकते हैं। भोजपुरी के मशहूर गायक ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार पर चुनाव में देश विरोधी ताकतों का सहारा लेने का भी आरोप लगाया।
मनोज तिवारी ने पत्रकार सुशांत सिन्हा को दिए एक इंटरव्यू में अपने जीवन के साथ हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव को लेकर कई अहम पहलुओं को उजागर किया। यह पूछे जाने पर कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की दोस्ती हो जाने से उन्हें कभी टेंशन हुई थी, तिवारी ने साफगोई से जवाब देते हुए कहा, 'टेंशन तो दे रहा था। कोई भी समझदार व्यक्ति होगा... हम पहली बार चुनाव लड़े थे तो एक लाख 47 हजार वोट से जीते थे। उस समय कांग्रेस को ढ़ाई लाख वोट और आम आदमी पार्टी के आनंद कुमार जी थे, उन्हें मिले थे साढ़े चार लाख। दोनों को मिलाकर हुए सात लाख। मुझे करीब साढ़े पांच लाख मिले थे। अब दोनों मिल गए तो टेंशन तो होना था।'
तिवारी ने आगे कहा कि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से उन्हें विश्वास मिला। उन्होंने कहा, 'लेकिन समय के साथ मेरा विश्वास इसलिए मजबूत होता गया कि 2019 में मुझे लोगों ने 3.70 हजार वोटों से जितवाया। यह मुझे विश्वास दिलाता था। तब मुझे 56 पर्सेंट वोट मिले थे।' तिवारी ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह से मिले मंत्र '51 पर्सेंट' का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उसी आधार पर काम किया और 54 पर्सेंट वोट मिले।
मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि भारत विरोधी शक्तियां कन्हैया कुमार का चुनाव में साथ दे रहीं थीं। उन्होंने कहा, 'हमारी सोशल मीडिया टीम रात को हताश नजर आती थी। मैं विश्वास दिलाता था कि हमारी ताकत हमारा सत्य और काम है। उनका जो इको सिस्टम है तो वह बहुत बड़ा था। मुझे लगता है कि 15 करोड़ से ज्यादा इसी पर खर्च किया होगा।' तिवारी ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के सामान्य कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए इशारा किया कि उन्हें उनका भी समर्थन मिला। तिवारी ने कहा, 'वे नहीं चाहते थे कि देशद्रोही हमारा सांसद हो।'
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