Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Lockdown: work of an elderly couple who came to Delhi after leaving with their sons was also abandoned

लॉकडाउन : बेटों के साथ छोड़ने पर दिल्ली आए बुजुर्ग दंपति का काम भी छूटा

बेटों के साथ छोड़ने पर एक बुजुर्ग दंपति रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आ गया। यहां बुजर्ग को बेलदारी का काम मिला। दोनों पति-पत्नी खुश थे लेकिन शनिवार से वीकेंड कर्फ्यू के चलते काम बंद हो गया। दंपति को...

Shivendra Singh अभय चौरसिया, नई दिल्लीThu, 22 April 2021 07:37 AM
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बेटों के साथ छोड़ने पर एक बुजुर्ग दंपति रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आ गया। यहां बुजर्ग को बेलदारी का काम मिला। दोनों पति-पत्नी खुश थे लेकिन शनिवार से वीकेंड कर्फ्यू के चलते काम बंद हो गया। दंपति को उम्मीद थी कि सोमवार से दोबारा काम शुरू होगा पर लॉकडाउन की घोषण हो गई। इस कारण बुजुर्ग दंपति बुधवार को वापस अपने गांव छतरपुर जाने के लिए आनंद विहार बस अड्डा पहुंचा था।

छतरपुर के रहने वाले 60 वर्षीय हल्लू बुधवार को पत्नी के साथ बस अड्डे के बाहर सड़क किनारे बैठे हुए थे। वह बस का इंतजार कर रहे थे। हल्लू काफी दुखी थे। बाचतीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे हैं। दो बेटे गांव में रहते हैं, जबकि एक बेटा गाजियाबाद में रहता है। शादी के बाद तीनों बेटों ने उनका साथ छोड़ दिया। गांव में खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। इसके चलते करीब तीन महीना पहले हल्लू अपनी पत्नी के साथ दिल्ली आ गए। हल्लू ने गोविंदपुरी में बेलदारी का काम शुरू किया और दोनों आराम से रहने लगे थे।

इसी बीच शनिवार को वीकेंड कर्फ्यू लग गया तो मालिक ने काम पर आने से मना कर दिया। सोमवार को दोबारा काम शुरू हुआ लेकिन लॉकडाउन की घोषणा हो गई। अब हल्लू का काम अनिश्चित समय के लिए बंद हो गया। हल्लू का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे लॉकडाउन और आगे बढ़ेगा। हल्लू का कहना है कि यहां रहने पर खर्च चलाना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए हम लोग गांव जा रहे हैं। हल्लू ने कहा कि अब गांव पर ही काम की तलाश करूंगा।

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