Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Liver of kidney patients is also getting damaged due to corona

चिंताजनक : किडनी के मरीजों का कोरोना के कारण लिवर भी हो रहा खराब, रिसर्च से हुआ खुलासा

कोरोना संक्रमण की वजह से क्रोनिक किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिवर को भी नुकसान पहुंच रहा है। यह बात दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक शोध में सामने आई है। यह शोध अस्पताल के...

Praveen Sharma नई दिल्ली। हेमवती नंदन राजौरा, Tue, 27 July 2021 11:56 AM
share Share

कोरोना संक्रमण की वजह से क्रोनिक किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिवर को भी नुकसान पहुंच रहा है। यह बात दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक शोध में सामने आई है। यह शोध अस्पताल के बायोकैमेस्ट्री विभाग के डॉक्टरों ने किया है। शोध के मुताबिक, पहले से किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों में कोरोना संक्रमण होने के बाद कोरोना की वजह से लिवर फंक्शन टेस्ट बिगड़ा हुआ मिला। ऐसे मरीजों में सीरम एलटी का स्तर काफी बढ़ गया था। डॉक्टरों का कहना है कि क्रोनिक किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीज कोरोना काल में लिवर फंक्शन टेस्ट भी कराएं।

अस्पताल ने शोध में शामिल 600 मरीजों को तीन अलग-अलग समूह में बांटा। एक समूह में क्रोनिक किडनी की बीमारी से पीड़ित कोरोना मरीज थे और दूसरे में किडनी की बिना बीमारी वाले कोरोना मरीज थे और तीसरे समूह में किडनी की बीमारी से पीड़ित ऐसे मरीज थे जिन्हें कोरोना संक्रमण नहीं हुआ। इस शोध में पता चला कि किडनी के मरीज जिन्हें कोरोना हुआ था उनका लिवर फंक्शन टेस्ट खराब था। उनका सीरम एएसटी और एएलटी का स्तर अन्य दोनों समूह के मुकाबले काफी बढ़ा हुआ मिला। वहीं, जिन लोगों में लिवर रोग विकसित होने के जोखिम बढ़ जाते हैं, उनमें एएलटी और एएसटी का स्तर बढ़ जाता है। 

क्या बताता है बढ़ा हुआ एएलटी और एएसटी का स्तर

दरअसल, लिवर खून को छानकर पूरे शरीर में प्रवाहित करता है। यह पोषक तत्वों के मेटाबॉलिज्म और हानिकारक तत्व को साफ करता है और रक्त का थक्का बनाने वाले प्रोटीन का निर्माण करता है। इनके अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी लिवर के द्वारा किए जाते हैं। लिवर की कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन को एंजाइम कहा जाता है यही एंजाइम, रासायनिक रिएक्शनंस का संचालन करते हैं। यदि लीवर की कोशिकाएं, क्षतिग्रस्त या नष्ट हो जाएं तो कोशिकाओं में उपस्थित एंजाइम रक्त में घुल जाते हैं, जिन्हें जांच के द्वारा देखा जा सकता है।

लिवर टेस्ट में, ब्लड की जांच के द्वारा दो महत्वपूर्ण एंजाइम की जानकारी हासिल की जाती है। एस्पारटेट एमिनोट्रांसफरेस (एएसटी)। यह एंजाइम मांशपेशियों के साथ-साथ लिवर के अलावा अन्य उत्तकों में भी पाया जाता है। अलानीन अमीनोट्रांसफरस जिसे पहले एसजीपीटी कहा जाता था, यह खास तौर पर लिवर में उपस्थित होता है। यदि एएलटी और एएसटी की मात्रा एक साथ रक्त में बढ़ी हुई पाई जाती है तो इसका अर्थ है कि लिवर को भी नुकसान पहुंच रहा है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें