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गाजियाबाद में एक ही गांव के चार लोगों को उम्रकैद, जानें इसकी वजह

अदालत ने 11 वर्ष पहले हुई हत्या के एक मामले में एक ही गांव के चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्तों को 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी जमा कराना होगा। अभियुक्तों ने परिवार की...

गाजियाबाद | कार्यालय संवाददाता Fri, 31 May 2019 07:16 PM
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अदालत ने 11 वर्ष पहले हुई हत्या के एक मामले में एक ही गांव के चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्तों को 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी जमा कराना होगा। अभियुक्तों ने परिवार की पुरानी रंजिश में साजिश रचकर दिनदहाड़े हत्या की थी।

मुरादनगर क्षेत्र में 2008 में यह हत्याकांड हुआ था। पुरानी रंजिश में चार युवकों ने महमूद नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपर जिला जज चतुर्थ की अदालत से गुरुवार को यह फैसला सुनाया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने अदालत से हत्याकांड में दोषी ठहराए चारों अभियुक्तों असगर, शानू, इरशाद और रियासु को कम से कम सजा देने की अपील की। वहीं जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता ने दोषी ठहराए चारों अभियुक्तों के लिए कड़ी सजा देने की अपील की। अदालत ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद दोषी चारों अभियुक्तों असगर, शानू, इरशाद और रियासु को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 

जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में अदालत ने एक दिन पहले बुधवार को पुख्ता साक्ष्यों ओर गवाही के आधार पर चारों अभियुक्तों को दोषी ठहराया था। सजा पर बहस के लिए गुरुवार का दिन सुरक्षित रखा था। गुरुवार को अदालत में दोष सिद्ध अभियुक्तों की सजा के प्रश्न पर बहस हुई। अधिवक्ता ने बताया कि मुरादनगर के नेकपुर गांव में दो अक्टूबर 2008 को यह घटना हुई थी। गांव के रहने वाले महमूद नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई जमशेद ने मुरादनगर थाने में नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि आरोपियों की असगर, इरशाद के परिवार से पारिवारिक रंजिश चली आ रही थी। इसी विवाद में दूसरे पक्ष के लोगों ने भाई की हत्या कर दी थी। पुलिस ने चारों नामजद आरोपियों असगर, इरशाद रियासु और शानू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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