किसानों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी, सरकार को सौंपा पत्र, बोले- इन मांगों को तुरंत पूरा करें अन्यथा...
Kisan Mahapanchayat: किसानों ने सोमवार को दिल्ली के रामलीला मैदान से एकबार फिर हुंकार भरी है। किसानों ने सरकार को अल्टिमेटम देते हुए कहा है कि उनकी लंबित मांगों पर विचार नहीं किया गया तो
किसानों ने एकबार फिर केंद्र सरकार को अल्टिमेटम दिया है। किसानों ने सोमवार को दिल्ली में एक बड़ी रैली का आयोजन किया। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को कहा कि यदि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कर्ज माफी और पेंशन को लेकर कानून बनाने समेत किसानों की बाकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो मजबूरन एक और आंदोलन करना पड़ेगा। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने रामलीला मैदान में जुटे किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी भी कई मुद्दे अनसुलझे हैं। इन मुद्दों के समाधान के लिए एक बड़े आंदोलन की जरूरत है।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एसकेएम के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दोपहर में कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और मांग पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि हम 30 अप्रैल को दिल्ली में एक और बैठक बुलाएंगे। मैं सभी किसान संघों से अपने-अपने राज्यों में रैलियां निकालने और बैठक के लिए पंचायत आयोजित करने का आह्वान करता हूं। हम रोजाना आंदोलन नहीं करना चाहते हैं लेकिन यदि सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो हम एक और आंदोलन शुरू करेंगे जो कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन से बड़ा होगा।
दर्शन पाल ने कहा कि किसानों की जो मांगे लंबित हैं उनमें एमएसपी के लिए एक कानून बनाया जाना शामिल है। साथ ही पूर्ण कर्ज माफी, पेंशन, फसल बीमा, किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने जैसे मुद्दे शामिल हैं। यही नहीं निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाने पर भी सरकार ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है। सरकार को इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करना होगा। इसके साथ ही किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर के उन्हें जेल भेजने की मांग भी की।
किसानों ने कहा कि ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे के तौर पर आर्थिक मदद देनी चाहिए। दर्शन पाल ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि किसानों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी को विद्युत अधिनियम से छूट दी गई है। इस तरह से यह मांग पहले ही पूरी हो चुकी है। यह एसकेएम के लिए एक बड़ी जीत है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं।
किसान नेता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर भी चर्चा की। तोमर ने भरोसा दिया है कि वे किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करने के मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करेंगे। दर्शन पाल सिंह ने कहा कि कई अनसुलझे मुद्दे हैं। इन मुद्दों के समाधान के लिए एक और आंदोलन की जरूरत है। हम 30 अप्रैल को दिल्ली में एक और बैठक बुलाएंगे। मैं सभी किसान संघों से रैलियां निकालने और बैठक के लिए पंचायतें आयोजित करने की गुजारिश करता हूं।