Hindi Newsएनसीआर न्यूज़kidney racket busted in gurugram bangladeshi poor on target

कर्ज है तो किडनी बेच लो ना; 100 से ज्यादा गरीब बांग्लादेशी बने शिकार, बहुत बड़े कांड का खुलासा

किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का सरगना बीते कई सालों से यह गोरखधंधा चला रहा है। गिरोह की सक्रियता सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर और बांग्लादेश में है। 100 से ज्यादा लोगों की निकाल चुके किडनी।

Sudhir Jha गौरव चौधरी, गुरुग्रामFri, 5 April 2024 09:38 AM
share Share
Follow Us on

बांग्लादेश के गरीब जरूरतमंदों को गुरुग्राम लाकर अवैध तरीके से जयपुर में उनकी किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ गुरुवार को गुरुग्राम में हुआ। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने गुरुवार को एक होटल में छापा मारकर किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके मरीज, डोनर और ट्रांसप्लांट करवाने के लिए आए 9 मरीजों को पकड़ा। रैकेट 100 से अधिक लोगों की किडनी निकालकर बेच चुका था। गिरोह का सरगना रांची का रहने वाला मोहम्मद मुर्तजा अंसारी है, जिसे पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।

किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का सरगना बीते कई सालों से यह गोरखधंधा चला रहा है। गिरोह की सक्रियता सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर और बांग्लादेश में है। पुलिस के अनुसार, सरगना मोहम्मद मुर्तजा अंसारी फेसबुक पेज और अपने नेटवर्क के जरिये कर्ज में डूबे बांग्लादेश के गरीब लोगों को रुपये का लालच देकर किडनी देने के लिए संपर्क करता था। पुलिस गिरोह के सदस्यों का पता लगाने के लिए सरगना की तलाश कर रही है।

मुख्यमंत्री उड़नदस्ता और पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, सरगना मोहम्मद मुर्तजा अंसारी ने जगह-जगह अपने एजेंट बनाए हैं। वह किडनी लेने और देने वालों के पास इन एजेंटों को भेजता था। छापेमारी के दौरान होटल के एक कमरे में बांग्लादेश का 24 वर्षीय शमीम मेहंदी असन मिला। उसने हिन्दुस्तान को बताया कि दुकान बेच देने के बावजूद उसका कर्ज नहीं उतरा। उसके बाद फेसबुक पर रुपये के बदले किडनी डोनेट के बारे में पता चला। उसने ब्लड ग्रुप लिखने के साथ ही किडनी डोनेट करने की इच्छा जाहिर की। कुछ दिन बाद एक एजेंट ने उससे संपर्क किया। बांग्लादेश में मिलने के बाद उसने पूरी प्रक्रिया बताई। फिर मोहम्मद मुर्तजा अंसारी ने संपर्क किया और चार लाख रुपये उसने देने का वादा किया। गिरोह ही मेडिकल वीजा पर बांग्लादेश से हवाई जहाज से दिल्ली लाया और गुरुग्राम के होटल में उसे रुकवाया गया। फिर उसे जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में लेकर गए और वहां पर कुछ टेस्ट करवाए।

सभी रिपोर्ट ठीक आने पर बीते सप्ताह उनकी किडनी निकालकर बांग्लादेश के 66 वर्षीय इस्लाम नुरुल को ट्रांसप्लांट कर दी गई। गिरोह स्वास्थ्य में सुधार के बाद गुरुग्राम के सेक्टर-39 स्थित बबील पैलेस होटल में मंगलवार को दोनों को वापस ले आया। शमीम ने बताया कि उसे एक किडनी देने के लिए बांग्लादेशी मुद्रा में चार लाख रुपये मिले। दो लाख रुपये पहले और दो लाख रुपये ट्रांसप्लांट होने के बाद मिले। उसने रोते हुए कहा कि सिर्फ कर्ज उतारने के लिए उसने किडनी दी।

17 फरवरी को भारत आए कुछ ऐसी ही बातें बांग्लादेश के रूबियल करीम ने बताई। उन्होंने बताया कि अपने 27 वर्षीय बेटे का किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए उन्होंने किसी के माध्यम से मोहम्मद मुर्तजा अंसारी से संपर्क किया। दस लाख रुपये में डोनर मिलने के बाद 17 फरवरी को भारत आए। गुरुग्राम में उन्हें रुकवाया गया, फिर जयपुर के फोर्टिंस अस्पताल ले जाया गया। वहां रिपोर्ट ठीक न आने पर उनको गुरुग्राम के होटल में ठहराया गया है।

फर्जी दस्तावेज तैयार कराता था
पुलिस के अनुसार, मोहम्मद मुर्तजा अंसारी की जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में गहरी पैठ थी। किडनी डोनर की जरूरत होने पर मरीज को दो से तीन दिन में उपलब्ध करवा देता था। इसके लिए वह दस लाख रुपये लेता, जबकि किडनी डोनेट करने वालों को चार लाख देता था। इसके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराता था

बिना अनुमति के हुआ ट्रांसप्लांट
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि ब्लड रिलेशन या फिर किसी दूसरे से किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए जिला स्तर पर बनी कमेटी से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। कमेटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने के बाद ही प्रकिया होती है, लेकिन बिना अनुमति लिए अवैध तरीके से ट्रांसप्लांट किया जा रहा था।

30 से कम उम्र वालों पर नजर
गिरोह 30 साल से कम उम्र वाले डोनर को ज्यादा तवज्जो देता था। इसकी वजह यह है कि उनका स्वास्थ्य अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा ठीक होता है। छापेमारी के दौरान होटल में जो डोनर मिले, उनकी उम्र 24-25 साल की है, जबकि जिन्हें किडनी की जरूरत थी, उनकी उम्र 32 से लेकर 66 के बीच में है।

राजस्थान में तीन गिरफ्तार
मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम को राजस्थान की एसीबी से गुरुग्राम के सेक्टर-39 के बबील पैलेस होटल में बांग्लादेशी लोगों के रुके होने की सूचना मिली थी। गुरुवार सुबह सात बजे संयुक्त टीम होटल में छापेमारी के लिए पहुंची। राजस्थान एसीबी मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है।

फेसबुक पर दस से ज्यादा पेज
पुलिस ने होटल में मिले सभी नौ बांग्लादेशियों के मोबाइल फोन, ट्रांसप्लांट के दस्तावेज और पासपोर्ट जब्त कर ली है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि किडनी लेने-देने से जुड़े फेसबुक पर दस से ज्यादा पेज हैं। उन पेजों पर मैसेज करने पर एजेंट संपर्क करता है। हालांकि, ये पेज कौन-कौन से हैं, इन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें