दिल्ली में कंझावला जैसी वारदात, लूटा फिर घसीटकर मार डाला; एक किलोमीटर तक मौत से लड़ता रहा कैब ड्राइवर
दिल्ली के महिलापलपुर-गुरुग्राम हाईवे पर मंगलवार को घटित हुई वारदात ने एक बार फिर कंझावला की याद दिला दी। यहां कैब ड्राइवर को लूटकर उसे उसकी ही कार से बदमाशों ने घसीटा लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
महिपालपुर-गुरुग्राम हाईवे पर मंगलवार देर रात मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई। महिपालपुर इलाके में लुटेरों ने कैब चालक को कार से घसीटकर मार डाला। करीब एक किलोमीटर तक कैब चालक जान बचाने के लिए मौत से लड़ता रहा। पूरे घटनाक्रम का गाड़ी के पीछे चल रहे वाहन चालकों ने वीडियो बना लिया। इस दौरान कई वाहन कैब के बगल से गुजरते रहे, लेकिन किसी ने चालक को बचाने का प्रयास नहीं किया। यदि किसी ने बदमाशों वाली कैब को ओवरटेक कर रोकने का प्रयास किया होता तो शायद पांच बच्चों के पिता बिजेंद्र की जान बच जाती।
पुलिस ने भाई को हादसे की सूचना दी
मोतिहारी में रहने वाले बिजेंद्र के भाई रंजीत को पुलिस ने रात डेढ़ बजे फोन कर बताया कि बिजेंद्र का महिपालपुर में एक्सीडेंट हो गया है। रंजीत ने दल्लूपुरा में रहने वाले तीसरे भाई राकेश शाह को जानकारी देकर तत्काल पुलिस से संपर्क करने के लिए कहा। इसके बाद राकेश शाह और अन्य परिजन बिजेंद्र के मोबाइल पर एक घंटे तक फोन करते रहे, लेकिन फोन नहीं उठा। पुलिस के पास पहुंचे तो उन्हें भाई की मौत का पता चला। इसके बाद एक-एक कर कॉलोनी में लोगों को इसके बारे में पता चलता रहा।
लगता है मर गया होगा
गाड़ी से वीडियो में दो लोगों की आवाज आ रही है। पहले एक बोलता है कि झगड़ा हुआ है। फिर दूसरा कहता है कि मर गया होगा। फिर एक कहता है, लगता है कि शराब पीकर चला रहा है। फिर दूसरा बोलता है, ये तो कोई कैब ड्राइवर लग रहा है। उसकी वर्दी देख। इस पूरी बातचीत के दौरान ये लोग कार का हॉर्न बजाते रहते हैं, लेकिन कैब से पीछे ही रहते हैं। अचानक कैब चालक का हाथ छूट जाता है।
सवाल एयरपोर्ट के पास वारदात, कहां थी पुलिस
इस वारदात ने एक बार फिर दिल्ली की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिपालपुर में जिस जगह यह दरिंदगी हुई है, वहां से थोड़ी दूर पर ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट मौजूद है। साथ ही, कई होटल भी हैं। यहां स्थानीय और बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में एक किलोमीटर तक कैब चालक को घसीटे जाने के दौरान कहीं भी पुलिस बैरिकेडिंग या पीसीआर वैन का ना होना सवाल खड़े करता है।
दोस्त के नाम पर थी कैब
बिजेंद्र 2012 तक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ऑटो चलाता था। 2012 में ही उसने सेडान कार अपने पड़ोसी राजकुमार के नाम पर फाइनेंस कराई थी।
दिल्ली कैंट इलाके में आखिरी लोकेशन मिली
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ ही कैब कंपनी से जानकारी ली थी। इस दौरान पता लगा कि बिजेंद्र की कार की आखिरी लोकेशन रात साढ़े दस बजे दिल्ली कैंट इलाके में जेपी कॉलेज के पास थी। उसके बाद कार की कोई लोकेशन नहीं मिल सकी थी।
कब क्या हुआ
दोपहर 02.30 बजे बिजेंद्र अपनी कैब लेकर घर से निकल गए थे
शाम 07.00 बजे पत्नी से बिजेंद्र की सब्जी को लेकर आखिरी बात हुई
रात 11.20 बजे पुलिस को महिपालपुर इलाके में शव पड़ा होने की सूचना मिली थी
रात 01.30 बजे पुलिस ने बिजेंद्र के भाई को दुर्घटना की जानकारी दी
देर शाम- मेरठ पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया