Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Kanjhawala hit-and-drag Case: Delhi police to file chargesheet today for murder conspiracy and destruction of evidence

कंझावला केस : हत्या-साजिश और सबूत मिटाना, दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में 7 आरोपियों पर लगाई ये धाराएं

गौरतलब है कि 31 दिसंबर की देर रात कंझावला में आरोपियों ने युवती की स्कूटी को टक्कर मार दी थी, जिसके चलते युवती कार के नीचे फंस गई थी। इसके बाद वह कार युवती को सड़कों पर 12 किलोमीटर तक घसीटती रही।

Praveen Sharma नई दिल्ली। एएनआई, Sat, 1 April 2023 02:35 PM
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दिल्ली पुलिस आज रोहिणी जिला अदालत में कंझावला हिट-एंड-ड्रैग मामले में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। पुलिस ने एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अन्य धाराओं सहित हत्या, आपराधिक साजिश और साक्ष्य को नष्ट करने की धाराएं लगाई हैं।

जानकारी के अनुसार, कंझावला हिट एंड ड्रैग केस में दिल्ली पुलिस आज रोहिणी कोर्ट की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल के समक्ष सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने जा रही है। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में मनोज, मिथुन, कृष्ण और अमित नाम के चार आरोपियों के खिलाफ हत्या, सबूत नष्ट करने, साजिश और अन्य धाराएं लगाई हैं, जबकि दो अन्य आशुतोष और अंकुश पर सबूत नष्ट करने, आपराधिक साजिश रचने और अन्य अपराधों से संबंधित धाराओं में आरोपी बनाया गया है। 

दिल्ली पुलिस ने पहले ही एफआईआर में आईपीसी की धारा 302 जोड़ दी है। शुरुआत में आईपीसी की धारा 120बी, 304, 279 और 201 और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

मामले के सिलसिले में सात आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से दो को बाद में जमानत दे दी गई थी। पुलिस ने आरोपी मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन को एक जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के बाद वे न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि अन्य दो आरोपियों आशुतोष और अंकुश को बाद में गिरफ्तार कर किया गया था।

गौरतलब है कि 31 दिसंबर की देर रात कंझावला में शनि बाजार रोड पर हुई हैरतअंगेज घटना में आरोपियों ने युवती की स्कूटी को टक्कर मार दी थी, जिसके चलते युवती कार के नीचे फंस गई थी। इसके बाद वह कार युवती को सड़कों पर 12 किलोमीटर तक घसीटती रही, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई थी।

पुलिस जांच के दौरान जुटाए गए सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) चार्जशीट में अहम सबूत हो सकते हैं। जांच अधिकारी ने पहले अदालत को बताया था कि दीपक गाड़ी चला रहा था, लेकिन बाद में सीडीआर से खुलासा हुआ था कि ड्राइविंग लाइसेंस होने के कारण उसे आरोपी बनाया गया था।

सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि एफआईआर में हत्या की धारा इसलिए जोड़ी गई क्योंकि आरोपियों को पता था कि गाड़ी के नीचे शव है और फिर भी गाड़ी चलाते रहे। पुलिस ने दावा किया कि इससे उनकी मंशा जाहिर हो गई। 

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