Kanjhawala Case: आरोपियों ने मानी कार से लड़की को 13 किमी घसीटने की बात, कोर्ट 27 जुलाई को तय करेगी आरोप
दिल्ली के कंझावला में एक हिट-एंड-रन केस जिसमें 20 वर्षीय महिला की कार के नीचे फंसने के बाद घसीटने से मौत हो गई थी, में आरोपियों ने मृतक को कार से घसीटने की बात मान ली है।
दिल्ली के कंझावला में एक हिट-एंड-रन केस जिसमें 20 वर्षीय महिला की कार के नीचे फंसने के बाद घसीटने से मौत हो गई थी, में आरोपियों ने माना है कि उन्होंने युवती को घसीटा था। नए साल के मौके पर हुई इस भयावह घटना के मामले में चार आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट किया है। मामले की सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोप तय करने पर बहस के दौरान अदालत को बताया कि आरोपियों ने लड़की को घसीटने की बात स्वीकार कर ली है।
अतिरिक्त सेशंस जज नीरज गौड़ ने सोमवार को कार में बैठे अमित खन्ना, कृष्ण, मनोज मित्तल और मिथुन के खिलाफ आरोप तय करने पर आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए हैं। पुलिस ने तीन अन्य- आशुतोष भारद्वाज, अंकुश और दीपक खन्ना के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना या अपराधी की गलत जानकारी देना), 212 (अपराधी को शरण देना) और 182 (झूठी जानकारी देना) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
यह देखते हुए कि आरोप तय करने पर बहस पूरी हो चुकी है, अदालत ने सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर अपना आदेश सुनाने की तारीख 27 जुलाई तय की है। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि चार आरोपी (कार में) 'पीड़िता को घसीटने का कृत्य करने पर सहमत हुए थे, जो उनकी कार के नीचे फंस गई थी। उन्होंने कार को 13 किमी तक घसीटा, जिससे पीड़ित की मौत हो गई। ऐसे कृत्य के लिए उन पर आईपीसी की धारा 302 और 120बी के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।'
श्रीवास्तव ने बताया कि इस 'भयावय घटना' की कई दृष्टिकोण से जांच की गई। हालांकि, चारों आरोपियों के वकील जेपी सिंह ने विभिन्न आधारों पर अपने मुवक्किलों को आरोपमुक्त करने की मांग की। उन्होंने कहा, 'आरोपियों के कबूलनामे के अलावा चूंकि ऐसा कोई सबूत या गवाह नहीं है जो यह दर्शाता हो कि आरोपी व्यक्तियों को इस तथ्य के संबंध में कोई जानकारी थी कि मृतका गाड़ी के नीचे है। ऐसा कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है जो दिखाता हो कि आरोपी ने वाहन के नीचे देखा था, अभियोजन पक्ष ने जो स्क्रीनशॉट रिकॉर्ड में रखा है उसमें विवरण नहीं है।'
पुलिस ने इस मामले में दो जनवरी को दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। सह-आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को बाद में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत दे दी थी। जबकि वर्तमान अदालत ने 13 मई को दीपक खन्ना को राहत दी। दिल्ली पुलिस ने एक अप्रैल को सात आरोपियों के खिलाफ 800 पेज का आरोपपत्र दायर किया और मामला बाद में एक सत्र अदालत को सौंप दिया गया।