शिकंजा : 117 गवाह और ये ठोस सबूत, कंझावला कांड में 7 आरोपियों के खिलाफ 800 पन्नों की चार्जशीट दाखिल
दिल्ली में नए साल पर हुए कंझावला कांड में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को सात आरोपियों के खिलाफ रोहिणी कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। चार आरोपियों के खिलाफ 20 वर्षीय अंजलि सिंह की हत्या करने का आरोप है।
राजधानी दिल्ली में नए साल पर हुए सनसनीखेज कंझावला कांड में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को सात आरोपियों के खिलाफ रोहिणी कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल के समक्ष दायर किए गए लगभग 800 पेज की चार्जशीट में चार आरोपियों के खिलाफ 20 वर्षीय अंजलि सिंह की हत्या करने का आरोप है। बाहरी दिल्ली के कंझावला इलाके में 31 दिसंबर, 2022 की देर रात कार से कई किलोमीटर तक घसीटे जाने के चलते अंजलि की मौत हो गई थी।
चार्जशीट में अमित खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्णा और मिथुन पर अंजलि की हत्या का आरोप है। सभी आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, साक्ष्य नष्ट करने, अपराधी को आश्रय देने, सामान्य मंशा और झूठी सूचना देने और अन्य आरोपों में मुकदमा चलाने की मांग की है। वहीं, आरोपी आशुतोष और अमित खन्ना पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत भी आरोप लगाया है। पुलिस ने तय 90 दिनों की अवधि में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने 28 मार्च को एक अप्रैल तक चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
अंजलि की सहेली को मुख्य गवाह बनाया
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपियों के खिलाफ जांच में पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। 117 गवाहों की सूची और उनके बयान भी पेश किए गए। जांच अधिकारियों ने कहा कि इन गवाहों के बयान आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त हैं। पुलिस ने अंजलि की दोस्त निधि को मुख्य गवाह बनाया है। हादसे के वक्त निधि स्कूटी पर अंजलि के साथ थी।
ये हैं अहम साक्ष्य : गवाहों के अलावा दिल्ली पुलिस ने तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्य भी पेश किए। घटना के दिन कंझावला इलाके के सीसीटीवी फुटेज, उस होटल के सीसीटीवी फुटेज जहां 31 दिसंबर की रात अंजलि अपनी दोस्त के साथ पार्टी में गई थी, अदालत में पेश किया है। इसके अलावा सभी आरोपियों की कॉल डिटेल और लोकेशन को भी अहम साक्ष्य माना। इसके अलावा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिंक रिपोर्ट भी अदालत में पेश की गई।
हत्या का आरोप लगाने की प्रमुख वजह : जांच अधिकारी ने बताया कि हादसे के बाद आरोपियों को पता चल गया था कि अंजलि कार में फंसी हुई है। इसके बाद भी आरोपियों ने कई किलोमीटर तक अंजलि को घसीटा, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
जेल में बंद पांच आरोपी अदालत में पेश किए गए
पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने के दौरान जेल में बंद 5 आरोपी दीपक खन्ना, अमित खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्णा और मिथुन को पेश किया, जबकि आशुतोष भारद्वाज और अंकुश जमानत पर हैं। अदालत चार्जशीट पर 13 अप्रैल को संज्ञान ले सकती है। इसके बाद चार्जशीट की कॉपी आरोपियों को मुहैया कराई जाएंगी। उधर, चार्जशीट में पुलिस ने बताया कि घटना के वक्त आरोपी दीपक कार में नहीं था। बाद में साजिश के तहत गुमराह करने के लिए बताया गया कि दीपक खन्ना कार चला रहा था। घटना के वक्त अमित खन्ना गाड़ी चला रहा था।
12 किलोमीटर तक घसीटा था
गौरतलब है कि सुल्तानपुरी से कंझावला के बीच 31 दिसंबर की रात को कार सवार युवकों ने 20 वर्षीय अंजलि सिंह को 12 किलोमीटर तक घसीटा था। कार के नीचे बुरी तरह घसीटे जाने से अंजलि की मौत हो गई थी। हादसा सामने आने के बाद पूरी दिल्ली सिहर उठी थी। अंजलि 31 दिसंबर की रात नए साल की पार्टी करने अपनी सहेली निधि के साथ बेगमपुर स्थित होटल में गई थी। देर रात लौटते वक्त वह निधि को छोड़ने के लिए स्कूटी से उसके घर जा रही थी, तभी सुल्तानपुरी के पी ब्लॉक में आरोपियों की कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी थी। नशे में धुत कार सवार अंजलि के फंसे होने की जानकारी होने के बाद भी करीब 12 किलोमीटर तक कार को दौड़ाते रहे थे।
मां बोली, दोषियों को जल्द फांसी मिले
अंजलि की मां ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है। वहीं, परिवार ने सरकार से अधूरे वादे जल्द पूरा करने की अपील की। अंजलि के परिवार में बीमार मां रेखा, भाई वरुण, लक्ष्य और छोटी बहन अंशिका है। परिवार का एकमात्र सहारा अंजलि थी। उसकी मौत के बाद मां बच्चों के साथ मायके में है। मां रेखा कहती हैं कि पहले दिन से वह इस पूरे मामले को हत्या कह रही थी, लेकिन पुलिस ने नहीं सुनी। आखिरकार दबाव पड़ने पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। उनकी बेटी तो वापस नहीं आएगी, लेकिन न्याय से उसकी आत्मा को शांति मिलेगी। उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई करने और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उन्होंने अदालत और सरकार से अपील की कि निर्भया कांड की तरह फांसी में देरी न हो।
वहीं, मुकदमे की पैरवी कर रहे अंजलि के मामा दीपक पूरे परिवार का सहारा बने हुए हैं। वह कहते हैं कि दिल्ली सरकार से मिले दस लाख रुपये की मदद से निजी अस्पताल में वह बहन का इलाज करा रहे हैं, लेकिन अब भी मुख्य समस्या आजीविका ही है। उन्होंने सरकार से सरकारी नौकरी दिलाने का वादा पूरा करने की भी मांग की।