जेपी ने बकाया नहीं चुकाया तो जा सकती है फॉर्मूला वन और स्पोर्ट्स सिटी की जमीन
वित्तीय संकट से जूझ रहे जेपी ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कंपनी पर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का 108 करोड़ रुपये का बकाया है। प्राधिकरण ने कहा है कि इस साल के अंत तक बकाया नहीं...
वित्तीय संकट से जूझ रहे जेपी ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कंपनी पर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का 108 करोड़ रुपये का बकाया है। प्राधिकरण ने कहा है कि इस साल के अंत तक बकाया नहीं चुकाया गया तो कंपनी से फॉर्मूला वन बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और जेपी स्पोर्ट्स सिटी के लिए आवंटित 1,000 एकड़ भूमि वापस ली जा सकती है।
प्राधिकरण के चेयरमैन प्रभात कुमार ने यहां पत्रकारों से कहा कि प्राधिकरण के निदेशक मंडल ने जेपी ग्रुप को थोड़ी राहत देने का निर्णय किया है। कंपनी को यह राशि सितंबर तक चुकानी थी। अब उसे एक माह का और समय दिया गया है ताकि वह अपना सारा कर्ज निपटा सके। अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें भूमि का आवंटन निरस्त किया जा सकता है।
कंपनी को कई बार दिया गया समय
प्राधिकरण के निदेशक मंडल ने मंगलवार को यहां बैठक कर यह निर्णय किया। कुमार ने कहा कि 1,000 एकड़ भूमि आवंटन के बदले जेपी ग्रुप पर प्राधिकरण का 108 करोड़ रुपये बकाया है। यह भूमि फॉर्मूला वन बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और जेपी स्पोर्ट्स सिटी के निर्माण के लिए दी गई थी। प्राधिकरण ने इस भुगतान के लिए कंपनी को कई बार समय दिया, लेकिन वह इसकी किस्तों का भुगतान करने में असफल रही। अब हमने उसे यह अंतिम समय दिया है कि वह अपने सारे बकाया का निपटान करे अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
होटल और पेट्रोल पंप खोलने को मंजूरी
जेपी ग्रुप की दो कंपनियां जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड दिवाला एवं शोधन अक्षमता प्रक्रिया का सामना कर रही हैं। प्राधिकरण की 64वीं निदेशक मंडल की बैठक में यमुना एक्सप्रेस-वे पर चुंगी नहीं बढ़ाने का भी निर्णय किया गया। साथ ही एक्सप्रेस वे से लगे सेक्टर 18, 20 और 29 में 12 होटल और सात पेट्रोल पंप खोलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई।