Delhi-Meerut Expressway : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले ध्यान दें, 1 अप्रैल से बदलने जा रही यह व्यवस्था
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi Meerut Expressway) पर सफर करने वालों के लिए जरूरी खबर है। एक अप्रैल से अब टोल दरों में बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को निजी कंपनी संभालेगी।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi Meerut Expressway) पर टोल दरों में बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को एक अप्रैल से निजी कंपनी संभालेगी। टोल वसूली से लेकर रखरखाव और मरम्मत का काम निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। हालांकि, एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली कंपनी को उस अवधि तक मरम्मत कार्य देखने होगा, जो टेंडर में निर्धारित की गई थी। इसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की जिम्मेदारी सिर्फ सुविधाओं पर नजर रखने की होगी।
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि क्यूब हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड की तरफ से एक्सप्रेसवे का काम अगले 20 वर्ष तक देखा जाएगा। कंपनी अभी टोल वसूली के साथ ही अतिरिक्त सुविधाओं को बढ़ाने पर काम करेगी। हालांकि, जिन कंपनियों ने एक्सप्रेसवे का निर्माण किया है, उनकी मरम्मत संबंधी अनुबंध अवधि बची हुई है। इस कारण क्यूब हाईवे द्वारा मरम्मत कार्य निर्माण एजेंसियों की अवधि खत्म होने के बाद ही किया जाएगा।
एक्सप्रेसवे के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में निर्माण एजेंसियों के पास यातायात के लिए खोले जाने की तिथि से 14 वर्ष तक मरम्मत का समस्त कार्य करना है। ऐसे में अभी तीन चरणों में करीब 10 से 12 वर्ष तक मरम्मत निर्माण करने वाली एजेंसियां ही देखेंगी।
एक से दो वर्ष और देखना है काम : निर्माण एजेंसी को चौथे चरण में मरम्मत कार्य करीब एक से दो वर्ष और देखना है। अधिकारियों का कहना है कि अगर कहीं पर अतिरिक्त एंबुलेंस के अलावा शौचालय बनाए जाने हैं, जो पहले से टेंडर की शर्तों में शामिल नहीं हैं तो वे समस्त काम टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) पर लेने वाली कंपनी यानी क्यूब हाईवे द्वारा ही किए जाएंगे।
ट्रकों के लिए रिजर्व लेन की योजना बनाई जा रही
अधिकारियों ने बताया कि एनएचएआई अब एक्सप्रेसवे के किनारे ट्रकों के लिए रिजर्व लेन और अतिरिक्त शौचालय बनाने की योजना बना रही है, जो अब निजी कंपनी द्वारा किए जाएंगे। निर्माण एजेंसियों की टेंडर में निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद काम टीओटी पर लाने वाली कंपनी द्वारा ही किया जाएगा। क्यूब हाईवे ने 7700 करोड़ रुपये में एक्सप्रेसवे के चार चरणों को लिया है।