PM मोदी को खत और शाह, गडकरी के मंत्रालय का लगाया चक्कर, फर्जी शेख मोहम्मद शरीफ से IB करेगी पूछताछ
यह भी कहा जा रहा है कि शरीफ ने अपना मोबाइल फोन नष्ट कर दिया था। ऐसी आशंका है कि उसने सबूत मिटाने के इरादे से मोबाइल फोन को नष्ट किया था। अब पुलिस उसके मोबाइल को रिकवर करने का प्रयास कर रही है।
दिल्ली के एक होटल में खुद को UAE सरकार में अहम अधिकारी बताकर रहने वाले मोहम्मद शरीफ के पकड़े जाने के बाद अब कई खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों ने इस पूरे मामले को कितनी गंभीरता से लिया है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब 41 साल के मोहम्मद शरीफ से इंटेलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम संयुक्त रूप से पूछताछ करेगी। मोहम्मद शरीफ पर आरोप है कि वो राष्ट्रीय राजधानी के एक बड़े होटल में खुद को यूएएई के एक शाही परिवार का सदस्य बताकर कई दिनों तक रहा। लीला होटल को मोहम्मद शरीफ ने लाखों का चूना लगाया और फरार हो गया। 19 जनवरी को मोहम्मद शरीफ को कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया था। उसने होटल के 23 लाख के बिल का भुगतान नहीं किया था।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आरोपी मोहम्मद शरीफ नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के मंत्रालयों में बैठे कई लोगों से भी संपर्क में था। इसीलिए जांच एजेंसियां यह जानना चाहती हैं कि आखिर यह शख्स मंत्रालय के अंदर किन लोगों के संपर्क में था और क्यों था? सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि मोहम्मद शरीफ ने पीएम मोदी और कई अन्य मंत्रालयों को चिट्ठी लिखी थी। इसमें अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल के मंत्रालय भी शामिल हैं।
इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि इन चिट्ठियों पर क्या कार्रवाई हुई? यह जानने के लिए वो देश के इन अहम मंत्रियों के मंत्रालय के कई चक्कर भी लगा चुका था। शरीफ अपने खत के जरिए कई तरह के बिजनेस आइडिया दिया करता था। पुलिस ने इन चिट्ठियों को भी बरामद कर लिया है। इस चिट्ठियों पर रिसिविंग स्टांप भी हैं और ऐसी आशंका है कि शरीफ खुद मंत्रालय में जाकर यह चिट्ठियां देता था।
मोबाइल फोन क्यों नष्ट किया?
न्यूज एजेंसी 'एएनआई' ने बताया है कि सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि शरीफ ने अपना मोबाइल फोन नष्ट कर दिया था। ऐसी आशंका है कि उसने सबूत मिटाने के इरादे से मोबाइल फोन को नष्ट किया था। अब पुलिस उसके मोबाइल को रिकवर करने का प्रयास कर रही है ताकि उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा सके। हालांकि, शरीफ का कहना है कि उसका मोबाइल गोवा में छूट गया था। लेकिन जांच में पता चला है कि शरीफ कभी गोवा नहीं गया है।
इसके अलावा सूत्रों का यह भी कहना है कि शरीफ काफी शातिर है और वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शरीफ को अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड नंबर जुबान पर याद है। आईबी इन सभी बातों को ध्यान में रख रही है।
अदालत में क्या हुआ...
आपको बता दें कि आरोपी मोहम्मद शरीफ को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा है। अदालत में उसका पक्ष रखते हुए उसके वकील समर खान ने कहा कि मोहम्मद शरीफ ने कोई धोखाधड़ी नहीं की है बल्कि वो होटल के साथ लगातार संपर्क में था। शरीफ का ट्रांजिट रिमांड भी अवैध है। ट्रांजिट रिमांड को लेकर कई नियम हैं जिनका पालन नहीं किया गया है।
आरोपी के वकील ने कहा कि मोहम्मद शरीफ ने होटल को 11.50 लाख रुपये दिये थे। उसके वकील ने कहा कि 20 लाख का चेक दिया गया था लेकिन पेमेंट बाकी होने की वजह से वो चेक बाउंस हो गया था। यह केस सिर्फ चेक बाउंस होने का है लेकिन जबरन धोखाधड़ी का केस बनाया गया है। हालांकि पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत में कहा कि आरोपी होटल से फरार हो गया था और उसने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर लिया था।
पुलिस ने अदालत में यह भी बताया कि आरोपी ने कई बार अपने फोन नंबर बदले और वो टेक्निकल सपोर्ट के जरिए पकड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने एक फर्जी बिजनेस कार्ड दिखाया था और पिछले साल इस होटल में करीब 3 महीने तक रहा था। उसने होटल के बकाये 23,46,413 रुपये के बिल का भुगतान नहीं किया था।
होटल के जनरल मैनेजर ने दर्ज कराई थी शिकायत
इसके बाद पुलिस ने इसी साल सरोजनी नगर थाने में 14 जनवरी को एक एफआईआर दर्ज की थी। खुद को होटल का जनरल मैनेजर बताने वाले अनुपम दास गुप्ता ने मोहम्मद शरीफ के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने कहा कि आरोप है कि मोहम्मद शरीफ 15 अगस्त 2022 से होटल में रह रहा था और 20 नवंबर 2022 को वो चकमा देकर फरार हो गया था। उसे पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया था। पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद शरीफ ने खुद को यूएई सरकार का अहम अधिकारी बताया था।