क्या सच में हरियाणा रोक रहा है दिल्ली का पानी? नायब सैनी सरकार ने आप को क्या दिया जवाब
Delhi water crisis: दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर राजधानी का पानी रोकने का आरोप लगाया है। इसपर दोनों राज्य एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। अब नायब सरकार ने दिल्ली पर घटिया राजनीति करने की बात कही है।
दिल्ली में भीषण गर्मी से परेशान लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। कई इलाकों में पानी की सप्लाई नहीं होने पर टैंकर मंगवाए जा रहे हैं। जिससे पानी भरने को लेकर अक्सर लड़ाई की स्थिति देखने को मिलती है। इन सबके बीच दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर पानी रोकने और राजधानी के लोगों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। सरकार का कहना है कि पिछले पांच दिनों में यमुना में कम पानी छोड़ने से नदी का जल स्तर कम हो गया है। यह दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर जारी विवाद पर लेटेस्ट आरोप है।
हरियाणा ने आप सरकार के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार पानी को लेकर 'सस्ती राजनीति' कर रही है और राज्य समझौते के अनुसार पानी की सप्लाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिमाचल प्रदेश को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का आदेश देने के एक दिन बाद दोनों राज्यों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। कोर्ट ने आदेश में जोर देकर कहा है कि पानी को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। वहीं आतिशी ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा जानबूझकर पानी की आपूर्ति में रोक रहा है।
दिल्ली सरकार कर रही राजनीति
दिल्ली सरकार का आरोप है कि अगर हरियाणा अपने हिस्से में कटौती करता है तो हिमाचल द्वारा छोड़ा गया अतिरिक्त पानी शहर को संकट से उबारने में मदद नहीं करेगा क्योंकि अतिरिक्त पानी को राजधानी के जलाशयों तक पहुंचने में करीब 48 घंटे लगते हैं। हालांकि, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।
सैनी ने कहा, 'वे (दिल्ली सरकार) सस्ती राजनीति कर रहे हैं। केंद्र सरकार और दोनों राज्यों के नौकरशाहों की मौजूदगी में अपर यमुना रिवर बोर्ड की बैठक के दौरान दिल्ली के अधिकारियों ने यह बात मानी कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी दे रहा है। हमने बताया कि हमारे पास भी पानी की कमी है, लेकिन अगर हिमाचल प्रदेश पानी छोड़ने के लिए सहमत होता है, तो इसे चेक किया जा सकता है।' हरियाणा सरकार में सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने सैनी के दावे का सपोर्ट किया और कहा कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर अपनी असफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है।
हिमाचल से पानी का रूट क्या है
उत्तराखंड में यमुनोत्री से लेकर दिल्ली में ओखला बैराज तक नदी के हिस्से को 'अपर यमुना' कहा जाता है। नदी की सहायक नदियों में से गिरि और पब्बर हिमाचल प्रदेश से निकलती और यहीं बहती हैं। पोंटा साहिब से बहते हुए पानी हरियाणा द्वारा मैनेज किए जाने वाले हथिनीकुंड बैराज तक पहुंचता है। नदी कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत की सीमा से होकर दिल्ली में एंटर करती है और दिल्ली द्वारा मैनेज वजीराबाद बैराज तक पहुंचती है। आतिशी ने कहा कि 2 जून को यमुना का जलस्तर 6,713 फीट था जो 7 जून को घटकर 669.7 फीट रह गया।
आतिशी का कहना है कि 'जब सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा था, तब भी नदी का जलस्तर कम होता जा रहा था। जब सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल को अतिरिक्त पानी देने का निर्देश दिया, तो हरियाणा ने अपने द्वारा छोड़े जाने वाला पानी कम कर दिया। हम सोमवार को कोर्ट में इस बात को रखेंगे।' दिल्ली की जल मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2 से 7 जून तक वजीराबाद में जलस्तर 671.3 फीट, 671.2 फीट, 671.1 फीट, 671 फीट, 670.5 फीट और 669.7 फीट था।
रिकॉर्ड जल उत्पादन: डीजेबी डाटा
सुप्रीम कोर्ट ने 6 जून को हिमाचल प्रदेश को आदेश दिया कि वह दिल्ली में पानी की भारी किल्लत को कम करने के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़े। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए इसे दिल्ली के लिए एक 'अस्तित्व संबंधी समस्या' बताया, जो भीषण गर्मी और बढ़ती मांग के कारण और काफी गंभीर हो गई है। वहीं दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा जारी डेली बुलेटिनों में बताया गया है कि पानी का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है।