ग्रेटर नोएडा : जेपी ग्रीन्स के अवैध हेलीपैड से अफसर भी भरते थे उड़ान, कंपनी ने अथॉरिटी को दी जानकारी से हुआ खुलासा
इस अस्थायी हेलीपैड से गौतमबुद्ध नगर जिले के अफसर भी उड़ान भरते थे। वह यहां से अपने गंतव्यों के लिए जाते थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिए जवाब में जेपी ग्रीन्स ने यह जानकारी दी है।
ग्रेटर नोएडा की पॉश सोसाइटी जेपी ग्रीन्स में बने हेलीपैड के मामले में नई-नई जानकारी सामने आ रही है। इस अस्थायी हेलीपैड से गौतमबुद्ध नगर जिले के अफसर भी उड़ान भरते थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिए जवाब में जेपी ग्रीन्स ने यह जानकारी दी है। सवाल उठता है कि जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से हेलीपैड की अनुमति नहीं ली गई थी तो जिले के अफसर यहां से सफर क्यों कर रहे थे?
जेपी ग्रीन्स में बने हेलीपैड को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बीती चार जुलाई को प्रबंधन को नोटिस भेजा था। इस नोटिस के जवाब में जेपी ग्रीन्स ने बताया है कि उन्होंने सोसाइटी में बने अस्थायी हेलीपैड का प्रयोग केवल अपने प्रबंधन के अधिकारियों के लिए करते थे। यह भी कहा है कि इसका इस्तेमाल व्यावसायिक नहीं किया गया। प्रबंधन द्वारा हेलीपैड का इस्तेमाल करने के लिए डीजीसीए से अनुमति ली गई थी। जेपी ग्रीन्स की ओर से बताया गया है कि इस हेलीपैड का इस्तेमाल जिले के अफसर भी करते थे। वह यहां से अपने गंतव्य के लिए जाते थे।
हेलीपैड का होता था व्यावसायिक इस्तेमाल
इस मामले को अदालत तक ले जाने वाले जेपी ग्रीन्स के निवासी शुभ गौतम ने बताया कि इस हेलीपैड का व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा था। यहां पर हेलिकॉप्टर की मरम्मत भी होती थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से इसकी शिकायत भी की गई। बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हुई।
लोगों के सवाल
1. अगर हेलीपैड अस्थायी तौर पर बनाया गया था तो क्या इस पर डीजीसीए अनुमति दे सकता है?
2. अस्थायी हेलीपैड का उपयोग सालों से क्यों किया जा रहा था?
3. अगर हेलीपैड अस्थायी था तो इसकी जानकारी अफसरों को भी रही होगी। बावजूद इसके यहां से वह उड़ान क्यों भरते थे?
4. यह सोसाइटी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधीन आती है। वर्षों से इस तरह की गतिविधियां चल रही थीं। इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?