गाजियाबाद वेव सिटी की संशोधित डीपीआर के लेआउट को मंजूरी, 3000 आवंटियों को 12 साल बाद मिलेगा प्लॉट
Ghaziabad Wave City : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक में वेव सिटी की संशोधित डीपीआर के लेआउट को मंजूरी मिल गई। अब करीब तीन हजार आवंटियों को 12 साल बाद भूखंड पर कब्जा मिल सकेगा।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड बैठक में वेव सिटी की संशोधित डीपीआर के लेआउट को मंजूरी मिल गई। अब करीब तीन हजार आवंटियों को 12 साल बाद भूखंड पर कब्जा मिल सकेगा। विकासकर्ता का दावा है कि वह छह महीने के अंदर आवंटियों को भूखंड पर कब्जा देना शुरू कर देगा।
उत्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद (वेव सिटी) परियोजना में आवंटियों का इंतजार खत्म होने वाला है। बोर्ड बैठक में इसके लेआउट का प्रस्ताव पास हो गया। वेव सिटी ने 4196.30 एकड़ जमीन का संशोधित डीपीआर स्वीकृति करवाया था, लेकिन अब लेआउट 3786.79 एकड़ का पास करवाया है।
अब विकासकर्ता इस लेआउट पर तेजी से काम कराएगा, जिससे करीब तीन हजार आवंटियों को फायदा मिलेगा। क्योंकि उन्होंने करीब 12 साल पहले ही वेवसिटी के फेस-2 में भूखंड बुक करवा रखे हैं, लेकिन भूखंड पर अभी तक कब्जा नहीं मिल सका था। वेव सिटी के अधिकारियों का कहना है कि संशोधित लेआउट स्वीकृत हो गया है।
अब फेस टू योजना पर तेजी से काम किया जाएगा, ताकि आवंटियों को जल्द से जल्द भूखंड पर कब्जा दिया जा सके। बता दें कि शासन ने वर्ष 2009 में 13 हाइटेक टाउनशिप का लाइसेंस दस साल के लिए दिया था। जब दस साल पूरे होने के बाद 2029 में इसका रिव्यू किया तो पता चला कि पूरे प्रदेश में सात हाइटेक टाउनशिप ही क्रियाशील मिली। बाकी छह के लाइसेंस को शासन ने निरस्त कर दिया।
छह व्यावसायिक भूखंड को रखा बंधक वेव सिटी ने जीडीए के पास छह बड़े व्यावसायिक भूखंडों को बंधक के रूप में रखा है। इसकी कीमत 401.30 करोड़ रुपये है। यह करीब 77 हजार वर्ग मीटर जमीन है। विधान परिषद समिति के सामने अंतिम फैसला होने के बाद ही बंधक जमीन का निस्तारण होगा।