हर किसी को घर, परवान चढ़ेंगी ये योजनाएं; गाजियाबाद का दायरा और बढ़ेगा, शासन को भेजा मास्टर प्लान
मास्टर प्लान लागू होने के बाद एनएच नौ, एनपीआर या हाईवे के आसपास ट्रांसपोर्टनगर विकसित करने के लिए जमीन चिह्नित की गई है। साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे दो लॉजिस्टिक पार्क बनेंगे।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का मास्टर प्लान 2031 जल्द लागू होगा। प्राधिकरण ने बुधवार को मास्टर प्लान का फाइनल ड्राफ्ट शासन को भेज दिया है। शासन स्तर से लागू होने के बाद गाजियाबाद, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी में करीब 130 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदल जाएगा। इससे विकास को रफ्तार मिल सकेगी।
जीडीए की नवंबर में हुई 163वीं बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान 2031 के तीन ड्राफ्ट को एक एकीकृत कर मंजूरी दे दी थी। पिछले दिनों फाइनल मास्टर प्लान पर मेरठ मंडलायुक्त के हस्ताक्षर समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं। अब जीडीए ने बुधवार को इसे शासन को भेज दिया। जीडीए के अधिकारी बताते हैं कि मास्टर प्लान को शासकीय समिति सत्यापित करेगी, जिसके बाद इसे लागू करने की सिफारिश होगी। इसके बाद शासन स्तर से यह लागू किया जाएगा। इसके लागू होने से गाजियाबाद, डासना में 50 हेक्टेयर, मोदीनगर, मुरादनगर में 60 हेक्टेयर, लोनी में 20 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदलकर आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र हो जाएगा। इन क्षेत्रों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जा सकेगा। बता दें कि जीडीए का वर्तमान दायरा 184 गांवों की 3,889 हेक्टेयर जमीन पर फैला है।
मास्टर प्लान लागू होने से जनपद में निवेश बढ़ेगा। नए मास्टर प्लान में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए संभावनाएं सबसे अधिक हैं। साथ ही, उद्यम स्थापित हो सकेंगे। इसके साथ ही अन्य कई क्षेत्रों में निवेश के रास्ते होगा, जिससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
पांच साल में तैयार हुआ गाजियाबाद का पहली बार जियोग्राफिक इंफोरमेशन सिस्टम (जीआईएस) बेस्ड केंद्रीयकृत मास्टर प्लान-2031 तैयार किया गया है। यह प्रक्रिया वर्ष 2018 में शुरू हुई थी। केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीएफ कंसलटेंट ने पहले तीन ड्राफ्ट तैयार किए। इसके बाद गाजियाबाद-डासना, लोनी और मोदीनगर-मुरादनगर के ड्राफ्ट को समायोजित कर एक ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2031 तैयार किया गया।
वर्तमान में यह मास्टर प्लान लागू जनपद में अभी मास्टर प्लान 2021 लागू है। यह वर्ष 2002-03 में बना था। तब से गाजियाबाद और लोनी में 1442.15 हेक्टेयर जमीन गैर अनुरूप भू उपयोग के रूप में दर्ज की गई थी। इसमें गाजियाबाद में 464.11 हेक्टेयर और लोनी में 978.5 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल था। दो साल बीतने के बाद भी अब तक नया मास्टर प्लान लागू नहीं हो सका है।
हर किसी को अपना घर मिल सकेगा
मास्टर प्लान में सबसे अधिक आवासीय क्षेत्र है। इससे लोगों को घर मिल सकेगा। मास्टर प्लान में 35.7 फीसदी क्षेत्र आवासीय रहेगा। 19.8 फीसदी मनोरंजन, 16.8 फीसदी परिवहन, 10.1 फीसदी औद्योगिक, 9.2 फीसदी पब्लिक/सेमी पब्लिक उपयोग, 2.4 फीसदी मिश्रित भू-उपयोग, 2.09 फीसदी व्यावसायिक क्षेत्र है।
ये योजनाएं परवान चढ़ेंगी
मास्टर प्लान लागू होने के बाद एनएच नौ, एनपीआर या हाईवे के आसपास ट्रांसपोर्टनगर विकसित करने के लिए जमीन चिह्नित की गई है। साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे दो लॉजिस्टिक पार्क बनेंगे। दुहाई के पास वेयरहाउस और इंटर स्टेट टर्मिनल के विकिसत होने की संभावना है। लोनी, भोजपुर आदि क्षेत्रों में औद्योगिक पार्क बनाने के लिए जमीन चिह्नित है।
- सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, जीडीए, ''मास्टर प्लान 2031 शासन को भेज दिया गया है। अब शासन स्तर से इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। शासन से लागू होने के बाद जनपद में विकास की योजनाएं परवान चढ़ सकेंगी।''