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जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी के फुटबॉल ग्राउंड में छात्रों ने पढ़ी नमाज, विरोध में लगे जय श्री राम के नारे

जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी के फुटबॉल मैदान में विदेशी छात्रों के नमाज पढ़ने पर हिंदू छात्रों ने आपत्ति जताई। विरोध में उन्होंने जय श्री राम के नारे लगाए। यूनिवर्सिटी का कहना है कि मामला संभाल लिया गया है

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, गुरुग्रामSun, 4 Sep 2022 12:46 PM
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सोहना-गुरुग्राम रोड पर जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी के फुटबॉल मैदान पर कुछ विदेशी छात्रों ने नमाज पढ़ी। इसे लेकर 20 से अधिक छात्रों के समूह ने विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले छात्रों ने रजिस्ट्रार के पास शिकायत दर्ज कराई थी। 30 अगस्त की दोपहर को विदेशी छात्रों ने मैदान में नमाज पढ़ी थी, जिसके बाद विरोध करने वाले समूह ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए।

प्रदर्शन का एक वीडियो क्लिप कथित तौर पर वायरल हो रहा है। इसमें छात्रों के समूह को 'एक ही नारा, एक ही नाम, जय श्री राम, जय श्री राम' का नारा लगाते हुए देखा जा सकता है। रजिस्ट्रार को दी गई अपनी शिकायत में छात्रों ने खुले में नमाज अदा करने की निंदा की। उन्होंने शिकायत में कहा, 'अगर वे नमाज अदा करना चाहते हैं, तो उन्हें हॉस्टल में आवंटित कमरे में जाना चाहिए।'

हमने मामले को समय पर संभाला

छात्रों का कहना है कि सभी छात्रों के लिए शुक्रवार को कक्षाएं होनी चाहिए और किसी को भी नमाज अदा करने के लिए प्रॉक्सी नहीं मिलनी चाहिए। इस मामले पर यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह एक बार घटित हुई घटना है जिसे 'समय पर संभाल लिया गया और दोनों पक्षों के बीच पूरी तरह से बातचीत से इसे शांत कर दिया गया।' यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने इस घटना के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ कम्युनिकेशन की कमी को जिम्मेदार ठहराया, जो अंग्रेजी या हिंदी में पारंगत नहीं हैं।

नमाज पढ़ने की नहीं दी थी अनुमति

रजिस्ट्रार डॉ धीरेंद्र सिंह परिहार ने शनिवार को कहा, 'छात्रों के एक समूह ने मैदान पर फुटबॉल खेलने की अनुमति ली थी। जब वे खेल रहे थे, उन्हें याद आया कि यह उनकी नमाज का समय है, इसलिए वे मैदान पर ही बैठ गए और नमाज अदा की। छात्रों के एक समूह ने इसपर आपत्ति जताई और कहा कि यहां इसकी अनुमति नहीं है। इसपर उन्होंने प्रतिवाद करते हुए कहा कि उन्होंने अनुमति ली हुई है। उन्हें अनुमति मैदान पर खेलने के लिए दी गई थी, नमाज अदा करने की नहीं।'

मामला शांत हो गया है

परिहार ने कहा, 'इस सब को तब सुलझा लिया गया जब हमने दोनों पक्षों से बात की और समझाया कि हम धर्म-तटस्थ यूनिवर्सिटी हैं और किसी को भी ऐसी कोई विशेष अनुमति नहीं दी गई है। हमने इस क्षेत्र में इस मुद्दे की संवेदनशीलता के बारे में अफ्रीकी मूल के छात्रों को भी अवगत कराया और मामले को शांत कर दिया गया है। हमारा कॉलेज मेवात क्षेत्र के बहुत करीब है और कुछ समय से, यह मुद्दा विभिन्न प्लेटफार्मों पर अलग-अलग तौर पर घूम रहा है। उन 10 मिनट से पहले या बाद में कुछ नहीं हुआ।'

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