सरकार को 15 हजार करोड़ का चूना, अरबपति महिला शिकंजे में; GST फर्जीवाड़े का गजब खेल
बता दें कि आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डेटा हासिल कर उसके आधार पर फर्जी कंपनी खोलते थे। इन कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व सिर्फ कागजों पर होता था।
कागजों पर तीन हजार से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर सरकार को चूना लगाने वालों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। आरोप है कि इन्होंने गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया। इस गिरोह की अरबपति महिला कारोबारी को क्राइम रिस्पांस टीम और सेक्टर-20 पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए रविवार को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। मेटल का कारोबार करने वाली महिला आरोपी एक साथ कई कंपनियों के नाम से आईटीसी ले रही थी। सभी ऐसी कंपनियां थीं जिसका अस्तित्व सिर्फ कागजों पर था।
डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों गिरफ्त में आए आरोपियों से सैकड़ों फर्जी कंपनियों के बारे में जानकारी मिली थी। जब इसकी तह तक पहुंचा गया तो पता चला कि कोयम्बटूर की महिला कारोबारी सुगन्यया प्रभु समेत अन्य लोगों द्वारा इन कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद कोयम्बटूर के रेस कोर्स रोड पर स्थित वेंकट रथना अपार्टमेंट निवासी सुगन्यया प्रभु की गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित की गई।
टीम के सदस्यों ने कोयम्बटूर में डेरा डाला और सुगन्यया प्रभु को गिरफ्तार कर नोएडा ले आई। सुगन्यया प्रभु ने कई अन्य आरोपियों के बारे में भी पुलिस को जानकारी दी है, जो फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहे हैं। महिला के पास से बरामद मोबाइल की भी जांच की जा रही है। लंबे समय से फरार रहने के चलते गिरफ्त में आई महिला पर नोएडा पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
इस मामले में नोएडा पुलिस की अब तक की ये 48वीं गिरफ्तारी है। खास बात है किसी भी आरोपी को अब तक जमानत नहीं मिली है। पुलिस के मुताबिक महिला ने कई ऐसी कंपनी और फर्म बनाई जिसका वजूद सिर्फ कागजों पर रहा। धरातल पर वह कंपनी थी ही नहीं। महिला ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई कंपनी की बिलिंग की और इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सरकार से करोड़ों रुपये ले लिए।
33 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट
जीएसटी फर्जीवाड़े में नोएडा पुलिस ने अब तक 33 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। नोएडा पुलिस अब इन आरोपियों की चल और संपत्ति की पहचान कर उसे कुर्क करने की कार्रवाई करेगी। कई आरोपियों की संपत्ति की पहचान नोएडा पुलिस द्वारा कर भी ली गई है। नोएडा पुलिस के प्रभावी पैरवी के कारण इस मामले में बीते एक साल से किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिल सकी है। कई आरोपियों पर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है। अभी आठ आरोपी इसमें और शामिल बताए जा रहे हैं।
कई आरोपियों के विदेश में होने की आशंका
फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपी परिवार समेत विदेश भाग चुके हैं। नोएडा पुलिस को इसकी जानकारी मिली है कि कुछ आरोपियों ने दुबई समेत अन्य जगहों पर अपना ठिकाना बनाया हुआ है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ओपन डेटेड वारंट जारी करने की तैयारी कर रही है। रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है। ओपन डेटेड वारंट जारी होने के बाद या तो नोएडा पुलिस विदेश जाकर आरोपी की गिरफ्तारी करेगी या फिर इंटरपोल की मदद से वांछित आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। जिन आरोपियों की जीएसटी फर्जीवाड़े में अभी तक गिरफ्तारी हुई है, उनमें कई कारोबारी भी शामिल हैं।
ऐसे करते थे ठगी
आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डेटा हासिल कर उसके आधार पर फर्जी कंपनी खोलते थे। इन कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व सिर्फ कागजों पर होता था। इसके बाद जीएसटी नंबर लेकर और फर्जी बिल बनाकर रिफंड ले लेते थे, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान होता था। जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ बेचते भी थे। इन कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद किया जा रहा था। गिरोह में शामिल इनामी समेत कई अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।
काले धन को किया जा रहा था सफेद
इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा कर काले धन को सफेद किया जा रहा था। गिरोह में शामिल इनामी समेत कई अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। फरार आरोपियों की तलाश में नोएडा पुलिस की चार टीमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है। आरोपियों के पास से मिले कई खातों को पुलिस पूर्व में बंद करा चुकी है। खातों में जमा करोड़ों रुपये की रकम को फ्रीज भी कराया जा चुका है।