जी20 समिट: जैविक हमले के खतरे से निपटने को आरएमएल तैयार, 41 बेड आरक्षित; ऐसे होगा इलाज
जी-20 सम्मेलन के दौरान मुख्य समारोह स्थल के बेहद नजदीक आने वाले राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जैविक हमले की स्थिति को संभालने के लिए एक नया इमरजेंसी ब्लॉक तैयार किया गया है।
जी-20 सम्मेलन के दौरान किसी भी खतरे से निपटने के लिए दिल्ली के अस्पताल तैयार हैं। मुख्य समारोह स्थल के बेहद नजदीक आने वाले राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जैविक हमले की स्थिति को संभालने के लिए एक नया इमरजेंसी ब्लॉक तैयार किया गया है। इस ब्लॉक में वेंटिलेटर व अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 10 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। इसके डिजास्टर वार्ड में 41 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।
अस्पताल में वायरस या खतरनाक बैक्टीरिया से संक्रमित मरीजों के लिए इमरजेंसी के गेट पर ही दो कमरे ऐसे बनाए हैं, जिनमें संक्रमित या संदिग्ध व्यक्ति को अलग-अलग तरह के सेनेटाइजर का शॉवर दिया जाएगा। इसके सामने ही एनडीआरएफ की टीम के लिए चौकी तैयार की गई है। ये टीम मरीज या संदिग्ध को ट्रामा सेंटर के पीछे के गेट से जैविक आपदा के लिए बनी इमरजेंसी में ले जाया जाएगा। इस ब्लॉक में विशेषज्ञों की टीम रहेगी। 10 बिस्तर पर वेंटीलेटर की व्यवस्था होगी।
11 कमरों में आधुनिक सुविधाएं अस्पताल के नर्सिंग होम को वीवीआईपी और राष्ट्राध्यक्षों के लिए तैयार किया गया है। अगर किसी को इलाज की जरूरत हुई तो यहां बड़े आकार के 11 कमरों को अत्याधुनिक इलाज की सुविधाओं के साथ तैयार किया है। इन कमरों में बड़े टीवी, फ्रिज, सोफे, अटैच बाथरूम, ऑक्सीजन प्वाइंट और वेंटिलेटर आदि की व्यवस्था की गई है। यहां वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम तैनात रहेगी।
ये भी काम हुए
● बड़े अस्पतालों में अधिकतर गेटों के पास हेल्प डेस्क बनाई गईं
● अस्पतालों में ट्रॉली वाले बेड और स्टील के डस्टबिन लगाए गए
● ओपीडी के बाहर मरीजों को धूप और बारिश से बचाने के लिए शेड की व्यवस्था की गई
● ओपीडी काउंटर वाले बड़े हॉल में एसी की भी सुविधा दी गई
डॉक्टरों-नर्सों को प्रशिक्षण
विकिरण आपात स्थिति के प्रबंधन के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग ने डीएई, सिविल, राज्य प्रबंधन अस्पतालों और रक्षा सेवाओं के 580 डॉक्टरों व 72 नर्सों को प्रशिक्षित किया है।
तीन नोडल अस्पताल बनाए गए
जी-20 के लिए गठित डॉक्टरों की विशेष टीम के सदस्य डॉ. अविरल माथुर ने बताया कि देश में रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) हमलों से निपटने को कोई विशेष अस्पताल नहीं है। मगर जी-20 के दौरान सीबीआरएन से निपटने को सफदरजंग (केमिकल), राम मनोहर लोहिया अस्पताल (बायोलॉजिकल) और लोक नायक अस्पताल (एटॉमिक) नोडल अस्पताल बनाया है।