जी20 से पहले लावारिस कुत्तों को इधर-उधर छोड़ा? निगम ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, MCD का अलग दावा
गैर सरकारी संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिल्ली नगर निगम पर लावारिस कुत्तों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। निगम प्रशासन ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।
गैर सरकारी संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिल्ली नगर निगम पर लावारिस कुत्तों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि निगम प्रशासन ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बेहद खराब तरीके से लावारिस कुत्तों को उठाया। सोमवार से उन्हें छोड़ना शुरू किया, लेकिन उन्हें उनके निर्धारित स्थान के बजाय इधर-उधर छोड़ा गया। निगम प्रशासन ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया।
दिल्ली में कुत्तों के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठन पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) की ट्रस्टी अंबिका शुक्ला, कंसलटेंट गौरव दर और वकील अनुष्का चौधरी ने दो सप्ताह पहले इस मामले को उठाया था। गौरव दर ने कहा कि लावारिस कुत्तों के कल्याण के लिए निगम प्रशासन बेहतर योजना तैयार करे। कई मांगों को लेकर निगम प्रशासन से लगातार बातचीत कर रहे हैं और निगम आयुक्त को पत्र भी लिखेंगे।
खाना खिलाने वालों को भी व्यवस्था में शामिल करें
गौरव दर ने कहा कि लावारिस कुत्तों को खाना खिलाने वालों को भी नसबंदी की व्यवस्था के साथ शामिल किया जाए। इससे लावारिस कुत्तों को टैग करने में सहयोग मिलेगा। सोमवार से निगम ने जब कुत्तों को विभिन्न स्थानों पर छोड़ना शुरू किया तो काफी अव्यवस्था नजर आई। एयरपोर्ट टर्मिनल-1 से उठाए गए कुत्तों को कारगो वाली जगहों पर छोड़ा गया। कुत्तों को उनकी जगह के बजाय अन्य क्षेत्र में छोड़ने से वह उलझन में आ जाते हैं। अन्य क्षेत्रों में पहले से मौजूद कुत्तों के साथ उनका संघर्ष होता है। इससे कुत्तों में आक्रामकता बढ़ जाती है और कुत्तों के काटने की घटनाएं भी अंजाम लेने लगती हैं।
तत्परता से काम निगम
निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नसबंदी के लिए उठाए गए कुत्तों को वापस उनके क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है। निगम पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। कुत्तों के कल्याण के लिए निगम तत्परता के साथ काम कर रहा है। एबीसी केंद्रों में आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
सर्वे करने का दावा
निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में निगम के सभी जोन में कितने कुत्ते मौजूद हैं, इसका अक्तूबर व नवंबर से सर्वे शुरू हो रहा है। इस सर्वे को जल्द से जल्द पूरा करने की प्राथमिकता है। निगम प्रशासन कई योजनाएं तैयार करने में सहयोग मिलेगा।
पीएफए ने कहा- इन नियमों का पालन जरूरी
● जब भी नसबंदी के लिए लावारिस कुत्तों को उठाते हैं, तब उन्हें उनके निर्धारित स्थान पर, जहां वह रह रहे हैं, वहां पर वापस छोड़े।
● प्रत्येक लावारिस कुत्ते को टैग किया जाए। नंबर या किसी भी तरह से टैग करने से कुत्तों को उनके निर्धारित स्थान पर ही छोड़ा जाएगा।
● पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम 2023 के मद्देनजर लावारिस कुत्तों के कल्याण के लिए कई इंतजाम होने चाहिए।
● निगम के एबीसी केंद्र में कुत्तों के लिए जो फंड उपलब्ध है, उसका उपयोग करें और केंद्रों में कुत्तों के लिए बेहतर सुविधाएं तैयार करें।
● एबीसी केंद्रों में कुत्तों के खून की जांच करें। अगर कोई बीमारी से पीड़ित हैं तो उसका उपचार किया जाए।