दिल्ली : पीतमपुरा की 10 मंजिला रिहाइशी इमारत में लगी आग, 100 लोगों को बचाया गया
राजधानी दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में बुधवार देर रात एक 10 मंजिला अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल पर भीषण आग लग गई। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 15 गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंचे दमकल...

राजधानी दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में बुधवार देर रात एक 10 मंजिला अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल पर भीषण आग लग गई। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 15 गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पर आग पर काबू पाया। इस दौरान करीब सौ से ज्यादा लोगों और एक पालतू कुत्तों को फायरकर्मियों ने सकुशल बाहर निकाला गया। बताया जा रहा है घटना के वक्त अधिकतर लोग क्रिकेट मैच देख रहे थे इसके चलते वे स्वयं ही बाहर निकल गए। अगर लोग सो गए होते तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।
आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्ट-सर्किट के कारण लगी होगी। बहरहाल तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है। आग की घटना की जानकारी बुधवार रात एक बजकर दस मिनट पर पीसीआर और फायर विभाग को मिली। सूचना दी गई कि पीतमपुरा के अपार्टमेंट स्थित फ्लैट नंबर- 502 में आग लगी है। आग बुझाने वाली टीम के दमकल कर्मियों ने बताया कि मौके पर पहुंचने पर पता चला कि आग बी-501,2,3 और चार में लगी थी। बी-502 में नरेन्द्र जैन परिवार के साथ रहते हैं।
स्काई लिफ्ट से बचाया गया
घर में अचानक आग लगने से परिवार बाहर निकलकर ऊपरी मंजिल पर जाने लगा। आग की लपटों ने इतनी तेजी से चारों फ्लैट को अपने कब्जे में ले लिया कि लोग अपने-अपने घरों से निकलकर जान बचाने के लिए छत पर भागे। आग से बचने के लिए छतों पर चढ़े लोगों को बचाने के लिए दमकल कर्मियों ने स्काई लिफ्ट का इस्तेमाल कर उन्हें सुरक्षित नीचे उतारा।
ज्यादातर परिवार मैच देखने में थे व्यस्त
अपार्टमेंट और आसपास रहने वाले लोगों ने यह बताया कि जिस वक्त पांचवीं मंजिल पर आग लगी, उस वक्त यहां रहने वाले ज्यादातर लोगों का परिवार क्रिकेट मैच देखने में व्यस्त था। आग इतनी तेजी से फैली थी कि आसपास के घरों में धुंआ भर गया था। आग और धुएं के कारण बुजुर्ग और बच्चों को सांस लेने में काफी ज्यादा दिक्कत हो रही थी, जिनको किसी तरह से छत पर भेजा गया।
आपातकालीन गेट नहीं होने से हुई दिक्कत
अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर ही पार्किंग है। वहीं तीन से चार लिफ्ट लगी हुई है। आग पांचवी मंजिल पर लगने से लिफ्ट को तुरंत बंद कर दिया गया था। ऐसी स्थिति में धुआं व लपटों के बीच सीढ़ी से उतरना लोगों के लिए एक बड़ी समस्या थी। बिल्डिंग में आपातकालीन गेट नहीं होने के कारण भी लोगों के लिए छत पर जाना ही एक मात्र रास्ता था। नीचे वाली मंजिल के लोगों के लिए भी ऊपर फंसे लोगों को बचाना आसान नहीं था। हालांकि कुछ लोगों ने घबराकर बराबर वाली मंजिल पर बॉलकानी से जाने की कोशिश भी थी। लेकिन मामला खतरनाक होने के कारण लोगों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया गया।
ऊपर फंसे लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे
आग और धुआं के तेजी से फैलने के कारण अपार्टमेंट में रहने वाले लोग इतने घबरा गए थे कि मदद के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। लेकिन कोई भी उन्हें बचाने के लिए ऊपर जाने की स्थिति में नहीं था। बस लोग दमकल के आने का इंतजार कर रहे थे। नीचे लोगों ने फंसे लोगों को दमकल कर्मियों के आने तक छत पर ही रहने की सलाह दी।
दो घंटे तक चलती रही अफरी-तफरी
मुख्य सीढ़ी को आग की लपटों व धुआं ने अपने कब्जे में ले रखा था और वहां से बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था जिससे लोग नीचे पाते। ऊंचाई ज्यादा होने से नीचे कूदना भी संभव नहीं था। इस तरह से करीब घंटों अफरा-तफरी का महौल रहा। हालांकि दमकल कर्मियों ने एक तरफ से तो आग पर काबू करने का काम शुरू किया और दूसरी तरफ तरफ स्काई लिफ्ट को ऊपर कर दसवीं मंजिल तक पहुंचे, तब जाकर लोगों की जान में जान आई और लोग स्काई लिफ्ट के सहारे नीचे उतर सके।
आपातकालीन गेट नहीं होने से आई दिक्क्त
ताज्जुब की बात तो यह है कि जिस अपार्टमेंट में आग लगी उस अपार्टमेंट के किसी भी ब्लॉक में आपातकालीन गेट नहीं है, जिससे हादसे के वक्त लोगों को सुक्षित बाहर निकाला जा सके। सभी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग है। जिसमें कारें खड़ी रहती हैं। अंदर की तरफ ऊपर जाने की सीढ़ियां हैं। अगर आग ग्राउंड फ्लोर पर लगती है तो सभी कारें आग की चपेट में आ जाएंगी। सीढ़ियों में से आने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाएगा। लोगों को जान बचाने के लिए बस छत का ही सहारा लेना होगा।
अपार्टमेंट का गेट बंद नहीं जाने दिया अंदर
उधर इस मामले की कवरेज पर पहुंचने वाले मीडिया कर्मियों को गेट के अंदर नहीं घुसने दिया गया। अपार्टमेंट का मुख्य गेट बंद कर वहां प्राइवेट सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। इस मामले को लेकर अपार्टमेंट प्रशासन से जुड़ा कोई अधिकारी भी बात करने के लिए सामने नहीं आया। अपार्टमेंट के आसपास मौजूद लोगों, फायर विभाग व स्थानीय पुलिस से पूरी घटना की जानकारी जुटाई गई।