फिर से जांच की ओर खींच रहे, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह की इस मांग का किया विरोध
अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी प्रियंका राजपूत की अदालत में महिला पहलवानों से उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से दाखिल सीडीआर की मांग का विरोध किया।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बृजभूषण शरण सिंह की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें उन्होंने यात्रा दस्तावेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) तलब करने की मांग की है। राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर स्थित अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी प्रियंका राजपूत की अदालत में महिला पहलवानों से उत्पीड़न के मामले में शनिवार को हुई सुनवाई में बृजभूषण की तरफ से दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल सीडीआर और ट्रैवेल रिपोर्ट की मांग की। इसका दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने विरोध किया।
पुलिस ने कहा कि इन दस्तावेजों की मांग कर बृजभूषण एक बार फिर जांच की तरफ इस मामले को ले जा रहे हैं। आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। आरोप पत्र पर सुनवाई पूरी होकर आरोप भी तय किए जा चुके हैं। ऐसे में दोबारा जांच का कोई औचित्य नहीं है। अदालत ने मामले की सुनवाई 2 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर दिल्ली पुलिस ने अपना जवाब दाखिल किया। बचाव पक्ष के वकील राजीव मोहन, रेहान खान और ऋषभ भाटी ने दलीलें रखी।
बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि सीडीआर पुलिस के पास है। इसके अलावा यात्रा दस्तावेज डब्ल्यूएफआई, खेल मंत्रालय और इमिग्रेशन ब्यूरो के पास हैं। आरोपी सांसद हैं। पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख को राजनयिक पासपोर्ट दिया गया था। उनकी विदेश यात्रा के लिए प्रोटोकॉल था। यात्रा दस्तावेज दिखाने के लिए जरूरी हैं कि उन्होंने कब विदेश यात्रा की और वे और उनकी टीम विदेश में किन जगहों पर ठहरे थे। अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अतुल श्रीवास्तव ने बचाव पक्ष के वकील द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों का विरोध किया।
बता दें कि अदालत ने सिंह पर महिला पहलवानों से छेड़खानी , उन्हें धमकाने समेत कई धाराओं में आरोप तय किए हैं। इसके साथ ही उनके सहयोगी पर भी धमकाने की धाराओं में आरोप तय किए गए हैं। बृजभूषण पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते हुए महिला पहलवानों का उत्पीड़न किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपी आईओ के माध्यम से दस्तावेज तलब करने की आड़ में पुनः जांच की मांग कर रहा है। अदालत पुनः जांच के लिए निर्देश नहीं दे सकती है।