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फीस बढ़ाने वाले स्कूलों की होगी जांच, विजिलेंस का शिक्षा निदेशक को लेटर; मांगा जवाब

दिल्ली के 18 स्कूलों ने फीस बढ़ा दी जिससे अभिभावकों पर वित्तीय बोझ बढ़ा। इसे लेकर सतर्कता निदेशालय ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा है। इसके अलावा ईडब्ल्यूएस कोटा को न भरने की भी जांच होगी।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 1 May 2024 10:03 AM
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सतर्कता (विजिलेंस) निदेशालय ने मंगलवार को 18 स्कूलों और पांच प्राइवेट, गैर सहायता प्राप्त संस्थानों में फीस वृद्धि में विसंगतियों और कुछ स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों का 25 प्रतिशत कोटा भरने में असफल रहने पर शिक्षा निदेशक को एक पत्र लिखा। सतर्कता जांच में इस बात को हाइलाइट किया गया है कि बने बनाए नियमों का उल्लंघन करते हुए फीस बढ़ोतरी की अनुमति दी गई थी।

18 स्कूलों के फीस बढ़ोतरी के आदेशों में से 13 में पूर्वव्यापी (रेस्ट्रोस्पेक्टिव) फीस वृद्धि शामिल थी, जिससे अभिभावकों पर अनुचित वित्तीय दबाव पड़ा। सतर्कता विभाग ने बताया, ‘नियमों में पूर्वव्यापी बढ़ोतरी का कोई प्रावधान नहीं है। इस तरह की बढ़ोतरी से पता चलता है कि स्कूल मैनेजमेंट जानबूझकर माता-पिता पर बोझ बढ़ाकर खुद को समृद्ध करना चाहता है।’ जांच में यह भी पता चला है कि स्कूलों ने इन फंड्स का उपयोग दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और नियम, 1973 में उल्लिखित नियमों के विपरीत किया।

डीओई ने पहले 2010-2011 के बाद से फीस स्ट्रक्चर के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। सर्कुलर में डीओई ने कहा था, ‘अगर स्कूल को अभी भी ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी करना जरूरी लगता है, तो उसे सबसे पहले स्कूल सिस्टम के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स यानी अभिभावकों को विश्वास में लेना होगा। चूंकि अभिभावकों को फीस में बढ़ोतरी का वित्तीय बोझ उठाना पड़ता है, इसलिए यह जरूरी है कि स्कूल चयनित माता-पिता-शिक्षक संघ की समिति के सामने डिटेल में फाइनेंशियल स्टेटमेंट के साथ फीस वृद्धि के लिए अपना केस पेश करे और मैनेजिंग कमेटी का अप्रूवल मिलने से पहले प्रस्तावित बढ़ोतरी पर उनकी सहमति प्राप्त करे।’

स्कूलों में ज्यादातर फीस बढ़ोतरी आदेश की तारीख 14 दिसंबर, 2023 हैं। शिक्षा विभाग से अनुरोध किया गया है कि वह 2019-2024 के विभिन्न सत्रों के लिए फीस बढ़ोतरी के मामलों का एक सारणीबद्ध विवरण प्रस्तुत करे और स्पष्ट करें कि नियमों के बार-बार उल्लंघन के बावजूद बढ़ोतरी को मंजूरी क्यों दी गई। ईडब्ल्यूएस एडमिशन की भी जांच होगी। डीओई सर्कुलर में कहा गया है कि जिला शिक्षा उप निदेशक ईडब्ल्यूएस प्रवेश प्रक्रिया के दौरान पर्यवेक्षक (ऑब्जर्वर) के रूप में काम करने के लिए वाइस प्रिंसिपल के पद से नीचे के अधिकारी को नामित नहीं करेगा।

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