...तो इसलिए फरीदाबाद का सराय ख्वाजा टोल प्लाजा हो सकता है सील
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सराय ख्वाजा स्थित बने टोल प्लाजा पर वाहनों से टोल वसूली करने वाली कंपनी ने फरीदाबाद नगर निगम का संपत्ति कर अभी तक जमा नहीं किया है। नगर निगम अब इस कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई...
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सराय ख्वाजा स्थित बने टोल प्लाजा पर वाहनों से टोल वसूली करने वाली कंपनी ने फरीदाबाद नगर निगम का संपत्ति कर अभी तक जमा नहीं किया है। नगर निगम अब इस कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकता है। फिर से निगम के नोटिस का जवाब न देने पर टोल कंपनी के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई हो सकती है।
इस संबंध में नगर निगम ने राज्य सरकार को अवगत कराया है। सोमवार को राज्य सूचना आयोग में इससे संबंधित आरटीआई पर सुनवाई के दौरान आयुक्त ने नियमों के मुताबिक, कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 23 अक्टूबर 2019 को होगी।
30 नवंबर 2010 को शुरू हुआ यह टोल अभी तक जारी है, लेकिन कंपनी ने नगर निगम को संपत्तिकर का एक पैसा भी भुगतान नहीं किया। यहां तक कि कंपनी ने नगर निगम के नोटिसों का जवाब भी नहीं दिया। नगर निगम ने कंपनी से नोटिसों में तीन जानकारी मांगी। मसलन, टोल का क्षेत्रफल कितना है? भवन कितने भूखंड पर बना है? और जिस पर भूखंड पर काम किया जा रहा है, उसका कब्जा प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि मांगी गई, लेकिन कंपनी ने नौ साल में यह जानकारी नहीं दी।
निगम पहले नोटिस देगा
नगर निगम ने एक-दो दिन में फिर से कंपनी को नोटिस देगा और अगर इस बार नोटिस का जवाब नहीं दिया तो नगर निगम टोल कंपनी के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई कर सकता है। हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के धारा के तहत टोल को सील कर सकता है। क्षेत्रीय कर अधिकारी अनिल रखेजा ने बताया कि टोल कंपनी ने नौ साल में एक रुपये भी संपत्तिकर जमा नहीं किया है।
आरटीआई से मिली सूचना
आरटीआई कार्यकर्ता अजय बहल ने नगर निगम से सूचना मांगी कि टोल कंपनी ने कितना संपत्तिकर दिया तो नगर निगम ने जवाब दिया कि टोल कंपनी से कोई संपत्तिकर नहीं वसूला गया। हालांकि इस टोल पर कंपनियां बार-बार बदल रही हैं। दिल्ली-बदरपुर बार्डर पर करीब 4.4 किलोमीटर लंबा पुल बना हुआ है और 29 नवंबर 2010 से इस पर टोल वसूली की जा रही है।