फर्जी ट्रैफिक पुलिस ने कार रुकवाई, चेकिंग के बहाने डिग्गी से उड़ाए 50 लाख; चार आरोपी फरार
दिल्ली के बेखौफ बदमाशों ने फर्जी ट्रैफिक पुलिस कर्मी बनकर पान मसाला कंपनी के कर्मचारियों को रोका। चेकिंग के बहाने कार की डिग्गी में रखे 50 लाख रुपए के बैग पर हाथ साफ कर दिया। इसके बाद फरार हो गए।
दिल्ली में दो मोटरसाइकिलों पर सवार कम से कम चार अज्ञात बदमाशों ने 50 लाख रुपए से भरा बैग चुरा लिया और वहां से रफ्फूचक्कर हो गए। घटना बुधवार शाम को मध्य दिल्ली के आईपी एस्टेट क्षेत्र में बाहरी रिंग रोड पर सलीमगढ़ फ्लाईओवर के पास घटित हुई। दो बदमाशों ने खुद को ट्रैफिक पुलिसकर्मी बताया और पान मसाला कंपनी के कर्मचारी को चेकिंग के बहाने रोक दिया। इस दौरान उनके दो साथियों ने रुपयो से भरा बैग चुरा लिया। इसकी जानकारी गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने दी।
आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 382 और 34 के तहत सामान्य इरादे से मौत या चोट पहुंचाने या रोकने की तैयारी के बाद प्रतिरूपण और चोरी का मामला दर्ज किया गया था। अपराधियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए केंद्रीय जिला पुलिस की विशेष विंग, जो मुख्य रूप से गंभीर अपराधों पर ध्यान केंद्रित करती है, सहित कई टीमों का गठन किया गया है।
पुलिस उपायुक्त (केंद्रीय) संजय कुमार सैन ने कहा कि अपराध शाम करीब पांच बजे सलीमगढ़ फ्लाईओवर के पास हुआ, जब पान मसाला कंपनी के कर्मचारी एक बैग में रखे 50 लाख रुपये लेकर हुंडई वेन्यू कार से यात्रा कर रहे थे। कर्मचारियों का ऑफिस मोती नगर में स्थिति है। वे चांदनी चौक के कूचा घासी राम इलाके से पैसे इकट्ठा करने के बाद अपनी कार से जा रहे थे।
डीसीपी सैन ने कहा, 'जैसे ही वे सलीमगढ़ फ्लाईओवर के पास पहुंचे, ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की वेशभूषा में बाइक पर सवार दो लोगों ने कार को रोका और उसके ड्राइवर को रुकने के लिए कहा। उनमें से एक के पास वायरलेस सेट था। दोनों ने चेकिंग के नाम पर कार की डिग्गी खोली। ठीक उसी समय, दो और लोग दूसरी बाइक पर आए। उन्होंने कार की डिग्गी में रखे कैश से भरे बैग को उठाया और तेजी से भाग गए। इसके बाद कार को रोकने वाले बदमाश भी बाइक पर अपने साथियों के पीछे चले गए।'
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अपराध के बारे में सूचित किया गया था जिसके बाद उन्होंने संदिग्धों द्वारा जाने के लिए इस्तेमाल किए गए मार्गों के सीसीटीवी कैमरों को स्कैन किया। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहने हुए दो व्यक्ति नकली थे। तदनुसार, मामला दर्ज किया गया और जांच की गई। मामले में आगे की जांच जारी है।