सफदरजंग अस्पताल में आज से शाम को भी चलेगी ओपीडी, जानिए इसकी टाइमिंग और कौन से विभागों में होगा इलाज
सफदरजंग अस्पताल के कई विभागों में आज से शाम को भी ओपीडी चलेंगी। यह ओपीडी कोरोना के इलाज के लिए बने मेक शिफ्ट सेंटर में दोपहर से शाम तक चलेगी। इससे इलाज कराने वाले हजारों मरीजों को फायदा होगा।
राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जाने वाले मरीज अब शाम को भी ओपीडी में दिखा सकते हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन सुबह 11:30 से शाम 5:30 बजे तक होगा। यह ओपीडी कोरोना के इलाज के लिए बने मेक शिफ्ट सेंटर में दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी। राजधानी में सुबह-शाम की ओपीडी शुरू करने वाला सफदरजंग दिल्ली का पहला अस्पताल बनेगा।
अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने बताया कि मेन ओपीडी में सुबह 8 से 11:30 बजे तक रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। अगर मरीज यहां नहीं पहुंच पाए तो वो मंगलवार से सुबह 11:30 से शाम 5:30 बजे तक ओपीडी के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यहां पर दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक इलाज होगा। शुरुआत में मेडिसिन, सर्जरी और पीडियाट्रिक विभाग की सुविधाएं मिलेंगी। राजधानी में सुबह-शाम मेडिसिन, सर्जरी की ओपीडी शुरू करने वाला सफदरजंग दिल्ली का पहला अस्पताल बनेगा।
एम्स में सुपर स्पेशियलिटी की कई ओपीडी शाम को होती हैं। इसके कुछ दिन बाद अन्य विभागों के डॉक्टर भी शाम को ओपीडी में मरीजों को सलाह देंगे। 25 सितंबर को अस्पताल के मेक शिफ्ट सेंटर में शाम की ओपीडी सेवा का उद्घाटन किया गया था, लेकिन उस दिन शाम की ओपीडी का संचालन शुरू नहीं हुआ था।
रोज 10 हजार मरीज आते हैं
सफदरजंग अस्पताल की ओपीडी में हर रोज लगभग 10 हजार मरीज आते हैं। इनमें दिल्ली के अलावा आसपास के राज्यों से आने वाले मरीजों की संख्या भी अधिक होती है। ऐसे में कई मरीज ओपीडी में परामर्श नहीं ले पाते थे तो इमरजेंसी में इसका असर पड़ता था। वहां लोगों की भीड़ बढ़ने लगी थी। कई बार सामान्य ओपीडी परामर्श की जरूरत वाले मरीज भी इमरजेंसी पहुंचने लगते थे।
आरएमएल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनेगा
वहीं, दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल ) अस्पताल में अगले साल में अप्रैल तक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इस ब्लॉक में दिल, किडनी, यूरो और न्यूरो की बीमारियों के साथ-साथ लिवर, कैंसर के इलाज की भी बेहतर सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। अस्पताल में वर्तमान मेंसुपर स्पेशियलिटी की सुविधाएं सीमित हैं। कैंसर के इलाज के लिए मेडिसन ऑनकोलोजी और रेडियोथेरेपी के विभाग भी मौजूद नहीं हैं।