श्रद्धा वाल्कर केस : क्या तुम खुद को दोषी मानते हो, अदालत ने पूछा तो आफताब ने क्या जवाब दिया
अदालत ने कहा कि इस मामले में पर्याप्त सामग्री हैं और प्रथम दृष्टया यह केस आरोपी के खिलाफ बनता है। इसके बाद दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आफताब अमीन पूनावाला से पूछा, 'क्या तुम खुद को दोषी मानते हो?
चर्चित श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में दिल्ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) ने अब आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawala) पर हत्या के आरोप तय किये हैं। इसके अलावा उसपर सबूत मिटाने के आरोप भी तय किये गये हैं। हालांकि, आरोपी आफताब ने इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए मुकदमा लड़ने की इच्छा जाहिर की है। इस मामले में आरोप है कि 18 मई, 2022 को आफताब ने महरौली इलाके में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाल्कर की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को छत्तरपुर पहाड़ी इलाके में स्थित जंगलों में जहां-तहां फेंक दिया था। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने उसी साल नवंबर के महीने में उसे गिरफ्तार कर लिया था।
अदालत में एडिशन सेशन जज मनीष खुराना कक्कर ने आफताब पर धारा 302 के तहत हत्या और भारतीय दंड संहिता की धारा 201 के तहत सबूत मिटाने के आरोप तय किये। अदालत ने कहा कि इस मामले में पर्याप्त सामग्री हैं और प्रथम दृष्टया यह केस आरोपी के खिलाफ बनता है। इसके बाद अदालत ने आफताब से पूछा, 'क्या तुम खुद को दोषी मानते हो या फिर ट्रायल का दावा करते हो? इसके बाद आफताब ने खुद को दोषी मानने से इनकार करते हुए कहा कि नहीं मैं खुद को दोषी मानता हूं और मैं मुकदमे का सामना करूंगा। इसके बाद अदालत ने इस मामले को मुकदमे के लिए अधिसूचित किया। मामले में अब 1 जून को सुनवाई होगी।
अदालत में वकील अक्षय भंडारी ने अदालत से गुहार लगाई कि आरोपी पर मुख्य अपराध हत्या और सबूत मिटाने के दोनों चार्ज एक साथ नहीं लगाए जा सकते हैं। यह दोनों चार्ज एक-एक कर लगाया जाना चाहिए। आरोप तय करते वक्त तथ्यों को भी ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने ऊपरी अदालत के जजमेंट का हवाला देते हुए कोर्ट से यह भी गुहार लगाई कि आरोपी को मुख्य अपराध और सबूत मिटाने के लिए दोषी करार नहीं दिया जा सकता है।
श्रद्धा के पिता ने लगाई गुहार
इधर श्रद्धा वाल्कर के पिता विकास वाल्कर की वकील सीमा कुशवाहा ने अदालत में अपनी याचिका लगाई और श्रद्धा की हड्डियां दिये जाने की मांग उठाई। उन्होंने यह भी मांग की है कि श्रद्धा की हड्डियां जल्द उनके घरवालों को दी जाए ताकि श्रद्धा की मौत के एक साल के अंदर उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। इस मामले पर अब दिल्ली पुलिस अगली सुनवाई में अपना जवाब दाखिल करेगी। इधर जिस घर में श्रद्धा के साथ बर्बरता की गई उस प्रॉपर्टी के मालिक ने भी अदालत का रूख करते हुए यह गुहार लगाई है कि उनकी प्रॉपर्टी को सील से आजाद किया जाए।
आपको बता दें कि SPP अमित प्रसाद ने इससे पहले हुई सुनवाई में अदालत से कहा था कि जो शख्स मुख्य अपराध को छिपाने के लिए सबूतों को नष्ट करता है उसके खिलाफ धारा 201 के तहत चार्ज लगाए जा सकते हैं। इससे पहले भी कोर्ट की तारीख पर आरोपी आफताब के वकील ने गुहार लगाई थी कि अपराध और सबूत मिटाने के चार्ज एक साथ नहीं लगाए जा सकते हैं।