DU के कई कॉलेजों के छात्र नहीं दे पाएंगे सेमेस्टर परीक्षा? 40% से कम हाजिरी पर नोटिस जारी
डीयू में सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इससे पहले कॉलेजों ने हाजिरी को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। शहीद भगत सिंह कॉलेज ने कम हाजिरी होने पर लगभग 15 सौ छात्रों को नोटिस जारी कर दिए हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इससे पहले कॉलेजों ने उपस्थिति को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। शहीद भगत सिंह कॉलेज ने कम हाजिरी होने पर लगभग 15 सौ छात्रों को नोटिस जारी कर दिए हैं। इसके बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज ने भी नोटिस जारी कर कहा कि जिन छात्रों की 40 फीसदी से कम उपस्थिति है, उन्हें प्रवेशपत्र जारी नहीं हो सकते हैं। ऐसे छात्रों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अन्य कॉलेजों में भी यह कवायद चल रही है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो.साधना शर्मा ने बताया कि कई विद्यार्थियों की उपस्थिति सिर्फ 20 फीसदी है, जबकि 70 फीसदी अनिवार्य है। जिन छात्रों की उपस्थिति कम से कम 40 फीसदी है, उनको अगले सेमेस्टर में अपनी हाजिरी सुधारने के संबंध में शपथपत्र देना होगा।
शहीद भगत सिंह कॉलेज मार्निंग बुधवार को परीक्षा देने वाले छात्रों की सूची जारी करेगा। बता दें कि विभिन्न सेमेस्टर के 1397 छात्रों को पहले ही नोटिस जारी हो चुका है। वहीं, शहीद भगत सिंह सांध्य कॉलेज भी एक हजार छात्रों को नोटिस जारी करेगा।
दाखिला लेकर कोचिंग पर ध्यान दे रहे
डीयू में एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि कोविड-19 के बाद पैदा हुई स्थिति में ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन हुआ। इस दौरान छात्र घर पर रहकर पढ़ाई करते थे। इसके बाद कुछ शिक्षक और कई छात्र लापरवाह हो गए। इन लोगों की उपस्थिति की मॉनीटरिंग भी ढंग से नहीं हुई। कई छात्र यहां नाम लिखाकर कहीं और पढ़ाई कर रहे हैं या प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग कर रहे हैं।
आरएमएल के कॉलेज में 80 छात्रों की हाजिरी कम
वहीं, आरएमएल अस्पताल से जुड़े मेडिकल कॉलेज अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतिम वर्ष में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे करीब 80 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है। अब इन छात्रों पर परीक्षा में शामिल होने का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर उपस्थिति की भरपाई करने में जुटा है ताकि छात्र परीक्षा से वंचित न हो पाएं।
कॉलेज प्रशासन ने करीब दो माह पहले आदेश जारी कर हाजिरी कम होने पर छात्रों को परीक्षा में नहीं बैठने देने की चेतावनी दी थी। इसमें कहा गया कि एमबीबीएस के छात्र नियमित क्लास नहीं कर रहे हैं। इस बाबत विभागाध्यक्षों और फैकल्टी ने शिकायत भी की है। भारतीय चिकित्सा परिषद के दिशा निर्देशों के अनुसार, किसी भी विश्वविद्यालय परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक होती है।
23 तक अतिरिक्त कक्षाएं
एमबीबीएस की कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति नहीं होने के कारण 2019 बैच के छात्रों के लिए सात से 23 दिसंबर तक रेमेडियल क्लास शुरू की गई हैं। कॉलेज का यह एमबीबीएस का पहला बैच है जो अंतिम वर्ष में पहुंचने वाला है। वर्ष 2019 में ही यह मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ है। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहला बैच होने की वजह से छात्रों ने आंतरिक परीक्षाओं पर कम और पीजी की कोचिंग पर ज्यादा जोर दिया है।