दिल्ली में पीएम-उदय योजना से अब तक 23,800 से अधिक लोगों को संपत्तियों का मालिकाना हक मिला
2019 में केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बाद में संसद ने इस संबंध में एक बिल पास किया था।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया कि पीएम-उदय योजना के तहत दिल्ली में अब तक 23,800 से अधिक लोगों को संपत्तियों का मालिकाना हक मिला है। आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने गुरुवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि इस साल 16 जुलाई तक प्रधानमंत्री अनधिकृत कॉलोनियों में दिल्ली आवास अधिकार योजना (पीएम-उदय) के तहत कुल 23,811 लोगों को अपनी संपत्तियों का मालिकाना हक मिला है।
मंत्री तोखन साहू ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को पीएम-उदय के तहत स्वामित्व अधिकारों के लिए 1,22,729 आवेदन प्राप्त हुए हैं। मंत्री ने कहा कि 16 जुलाई तक पीएम-उदय योजना के तहत स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या 23,811 है।
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बता दें कि, 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बाद में संसद ने इन कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने के लिए एक बिल पास किया था।
इसके बाद केंद्र सरकार ने पीएम-उदय योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग अपनी संपत्तियों के मालिकाना हक के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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एक अन्य प्रश्न के जवाब में साहू ने कहा कि डीडीए ने बताया है कि पिछले पांच सालों (2019-20 से 2023-24) के दौरान शहरी विकास निधि (यूडीएफ) के तहत स्वीकृत अपनी परियोजनाओं के लिए 2,173.81 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, यूडीएफ के तहत 22 परियोजनाएं कार्यान्वयन के चरण में हैं।