Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi teachers will not be able to go to Finland for educational training due to delay in approval by LG : Raj Kumar Anand

LG की मंजूरी के बाद भी फिनलैंड नहीं जा सकेंगे दिल्ली के टीचर, शिक्षा मंत्री राजकुमार आनंद ने बताई वजह

दिल्ली के शिक्षा मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा है कि एलजी विनय कुमार सक्सेना टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने वाली फाइल को चार महीने तक लेकर बैठे रहे और मंजूरी देने में काफी देर हो चुकी है।

Praveen Sharma नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, Mon, 6 March 2023 06:57 AM
share Share

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की मंजूरी मिलने के बाद भी सरकारी स्कूलों के टीचर अब ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड नहीं जा सकेंगे। दिल्ली के शिक्षा मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा है कि एलजी टीचर्स को विदेश भेजने वाली फाइल को चार महीने तक लेकर बैठे रहे और मंजूरी देने में काफी देर हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि फिनलैंड टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम पर एलजी का फैसला संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। दोनों ही बैच ( दिसंबर 2022 व मार्च 2023) में जाने वाले शिक्षक सिर्फ एलजी की वजह से वहां नहीं जा सके।

शिक्षा मंत्री के मुताबिक, फिनलैंड टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए एलजी को पहली बार फाइल 25 अक्टूबर 2022 को भेजी गई थी, ताकि वह समय से इस पर फैसला ले सकें, लेकिन नियमों का उल्लंघन कर एलजी ने तीन आपत्तियां जताते हुए 10 नवंबर, 2022 को फाइल मुख्य सचिव को लौटा दी। आपत्तियों पर जवाब देते हुए दोबारा 14 दिसंबर, 2022 को एलजी को फिर फाइल भेजी गई।

एलजी ने फिर दो स्पष्टीकरण मांगते हुए 9 जनवरी, 2023 को फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी। जिस पर तत्काल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 20 जनवरी, 2023 को जवाब के साथ फिर फाइल भेजी। उन्होंने कहा कि फाइल को 4 माह तक लटकाने के बाद एलजी ने फिर फाइल भेजी है। उसमें भी प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने वाले शिक्षकों की संख्या को संशोधित करने की बात कही गई है। भविष्य में इस तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों को कम करने को भी कहा है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल का यह रवैया बताता है कि वह संविधान को नहीं मानेंगे, क्योंकि वह किसी भी हालत में 15 दिन से ज्यादा फाइल को नहीं रख सकते हैं। अगर वह मंत्री समूह से सहमत नहीं हैं तो उसे आगे राष्ट्रपति को भेज सकते हैं, लेकिन शिक्षकों के प्रशिक्षण मामले में ऐसा नहीं किया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें