दिल्लीः सीलिंग के विरोध में आज 2500 बाजार, 8 लाख दुकानें बंद
सीलिंग के विरोध में व्यापारी आज दिल्ली बंद रखेंगे। यह घोषणा व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) का दावा है कि 28 मार्च को दिल्ली में 8 लाख से ज्यादा दुकानें और 2500...
सीलिंग के विरोध में व्यापारी आज दिल्ली बंद रखेंगे। यह घोषणा व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) का दावा है कि 28 मार्च को दिल्ली में 8 लाख से ज्यादा दुकानें और 2500 बाजार बंद रहेंगे। बंद को कामयाब बनाने के लिए ऑल दिल्ली ट्रेडर्स एंड वर्कर्स एसोसिएशन, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, फेडेरेशन ऑफ ट्रेड एसोसिएशन और फेस्टा जैसे बड़े व्यापारिक संगठनों ने समर्थन दिया है। बंद के दौरान रामलीला मैदान में व्यापारियों की विशाल रैली भी होगी। सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि 28 मार्च का दिल्ली बंद ऐतिहासिक रहेगा।
ये बाजार बंद रखेंगे
सीलिंग के विरोध में चांदनी चौक, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, कनॉट प्लेस, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, अशोक विहार, राजौरी गार्डन, लाजपत नगर, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्स, सरोजिनी नगर, कमला नगर, नया बाजार आदि बंद रहेंगे।
बसों में भरकर आएंगे
रैली के लिए व्यापारियों ने अलग-अलग बाजारों से 500 से अधिक बसों की व्यवस्था की है। पिछली बार जब बाजार बंद हुए थे तो व्यापारी और उनके कर्मचारी अपनी दुकानों के बाहर बैठे रहे थे। अबकी रामलीला मैदान पहुंचेंगे। बड़ी संख्या में महिलाएं-बच्चे भी होंगे।
‘निगरानी समिति की आड़ में शोषण हो रहा’
सीलिंग के विरोध में रघुवरपुरा में आयोजित जनसभा में मंगलवार को कारोबारियों ने आरोप लगाया कि गांधी नगर, रघुबरपुरा, रामनगर मार्केट और आसपास के मार्केट प्रदूषण रहित हैं। लेकिन, निगरानी समिति की आड़ में पूर्वी निगम के अधिकारी किसी भी दुकान को सील कर दे रहे हैं। तीन माह से सीलिंग की मार झेल रहे कारोबारियों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। गांधी नगर के कारोबारी बुधवार को दिल्ली बंद में हिस्सा लेने रामलीला मैदान पहुंचेंगे।
‘तीन माह में चार हजार से अधिक दुकानें सील’
चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री का कहना है कि पिछले तीन महीने में चार हजार से अधिक दुकानें सील हो चुकी हैं, लेकिन यह समस्या अभी तक हल नहीं हो सकी है। इस समस्या का समाधान केवल केन्द्र सरकार के पास है। व्यापारियों ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि सीलिंग रोकने के लिए तुरन्त एक बिल या अध्यादेश लाया जाए। तभी राजधानी में सीलिंग की समस्या हल होगी।वरना इसका समाधान मुश्किल होगा।