दिल्ली हिंसा : भड़काऊ भाषण मामले में सोनिया गांधी और कपिल मिश्रा सहित इन नेताओं पर केस दर्ज करने की मांग
दिल्ली हिंसा से पहले भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में नई याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेता...
दिल्ली हिंसा से पहले भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में नई याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, सलमान खुर्शीद और भाजपा के अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा ने भड़काऊ भाषण दिए।
साथ ही दिल्ली दंगों में संपत्ति को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए एसआईटी गठित करने की मांग को लेकर भी हाईकोर्ट में नई याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया गया कि भड़काऊ भाषण देने वालों की संपत्ति कुर्क की जाए और उसे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए बेचा जाए।
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Delhi: The petition submits that hate speeches were made by Congress leaders Sonia Gandhi, Salman Khurshid & BJP’s Anurag Thakur, Kapil Mishra & others. The petition also seeks selling of their properties to compensate victims of #Delhiviolence in North East Delhi last month. https://t.co/OFSm4hStZ0
— ANI (@ANI) March 11, 2020
जानकारी के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट में एक नई याचिका दायर कर बुधवार को आरोप लगाया गया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, सलमान खुर्शीद और भाजपा के अनुराग ठाकुर तथा कपिल मिश्रा ने नफरत भरे भाषण दिए। याचिका में कथित रूप से नफरत पैदा करने भाषण देने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने तथा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले महीने दंगों में संपत्ति को पहुंचे नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी अनुरोध किया गया है।
दीपक मदान की ओर से दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने वालों की संपत्ति कुर्क की जाए और उसे राष्ट्रीय राजधानी में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए बेचा जाए।
याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक नेताओं की ओर से दिए गए कथित नफरत भरे भाषण न सिर्फ अपमानजनक थे, बल्कि भड़काऊ भी थे और इनके कारण हाल में दंगे हुए। याचिका में कथित रूप से नफरत भरे भाषणों को लगातार पोस्ट करने और देश की एकता को अस्थिर करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत इन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि उनके भाषणों की वजह से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर संपत्ति की तबाही मची।
याचिका में दावा किया गया है कि कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने वाले राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उनके नफरत भरे और भड़काऊ भाषणों का असर दिल्ली के उत्तर-पूर्वी, पूर्वी दिल्ली और शाहदरा जिलों में देखने को मिला जहां दंगों और भीड़ के हमलों में लोगों की जानें गईं, संपत्ति का नुकसान हुआ और कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए।
याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस दंगाइयों को रोकने के लिए कदम उठाने के बजाय मूक दर्शक बनी रही। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जब राजनीतिक नेताओं ने सार्वजनिक मंचों से नफरत भरे भाषण दिए तब दिल्ली पुलिस ने उन पर ध्यान नहीं दिया। दिल्ली पुलिस ने राजनीतिक नेताओं पर वक्त पर कार्रवाई नहीं की जिससे उन्हें और नफरत भरे भाषण देने और लोगों को उकसाने से रोका जा सकता था, जिससे इतना बड़ा नरसंहार हुआ।
अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार की अनुमति
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अधिकारियों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के नामों के प्रकाशन की तारीख से दो सप्ताह बाद अज्ञात शवों के निकायों के अंतिम संस्कार की अनुमति दे दी है। हाईकोर्ट ने पहले दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को 11 मार्च तक अज्ञात शवों का निपटान नहीं करने और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान मारे गए शवों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराने को कहा था।
अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करने के सभी अस्पतालों को शुक्रवार 06 मार्च को निर्देश दिए थे। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस आईएस मेहता की बैंच ने अधिकारियों को सभी शवों के डीएनए नमूने सुरक्षित रखने और किसी भी अज्ञात शव का बुधवार तक अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। साथी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।