दिल्ली दंगे : जमानत के 15 दिन बाद भी नहीं किया रिहा, कोर्ट ने कहा- आरोपी को बिना वजह किया जा रहा परेशान
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगों के दो मामलों में एक व्यक्ति को 15 दिन पहले जमानत देने के बावजूद उसे जेल से रिहा नहीं किए जाने पर मंडोली जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि जमानत...
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगों के दो मामलों में एक व्यक्ति को 15 दिन पहले जमानत देने के बावजूद उसे जेल से रिहा नहीं किए जाने पर मंडोली जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि जमानत बांड की पुष्टि में विलंब कर उसे अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।
अदालत सुहैल के जमानत बांड की स्थिति रिपोर्ट को लेकर दायर आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसे फरवरी में दयालपुर इलाके में दंगों से जुड़े मामले में 8 जुलाई को जमानत दी गई थी।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने 22 जुलाई के आदेश में कृष्णा नगर थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को निर्देश दिया कि सुहैल द्वारा भुगतान किए गए जमानत बांड का तेजी से सत्यापन किया जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान मंडोली जेल के उपाधीक्षक ने अदालत से कहा कि एक मामले में बांड का सत्यापन हो गया है, लेकिन संबंधित थाने द्वारा दूसरे मामले में अभी सत्यापन नहीं हुआ है।
जेल उपाधीक्षक ने सूचित किया कि कृष्णा नगर थाने के एसएचओ को 14 जुलाई और 21 जुलाई को वायरलेस संदेश दिया गया था। अदालत को बताया गया कि संबंधित थाने के ड्यूटी अधिकारी से जल्द सत्यापन के लिए संपर्क किया गया है। अदालत ने कहा कि जेल अधीक्षक ने जमानत बांड को सत्यापन के लिए भेज दिया था। बहरहाल, अभी तक आवेदक (सुहैल) को रिहा नहीं किया गया है और सत्यापन रिपोर्ट के लिए उसे अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।
वकीलों की नियुक्त पर अगले सप्ताह फैसला ले सकती है दिल्ली सरकार
नई दिल्ली। दंगा और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े मामलों में दलीलें रखने के लिए छह वरिष्ठ वकीलों को नियुक्त करने के दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार अगले सप्ताह फैसला कर सकती है। सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली मंत्रिमंडल की मंगलवार को बैठक होगी। इस बैठक में इस विषय पर फैसला हो सकता है। दिल्ली में दंगा और सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े मामलों में लोक अभियोजकों की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल और 'आप' सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है।
बैजल ने 17 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा और सीएए विरोधी प्रदर्शन से जुड़े 85 मामलों में छह वरिष्ठ वकीलों को नियुक्त करने के दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव पर सात दिनों में फैसला करने को कहा था। एक सूत्र ने बताया कि दिल्ली मंत्रिमंडल की मंगलवार को बैठक होगी और पुलिस के वकीलों के पैनल के बारे में इस पर फैसला होगा।