दिल्ली में लगातार 7वें दिन 1000 से अधिक कोरोना मरीज मिले, दो ने तोड़ा दम
दिल्ली में कोरोना के नए मामलों में वृद्धी जारी है। गुरुवार को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,367 नए मामले सामने आए जबकि दो मरीज की मौत हो गई। इस अवधि में संक्रमण दर 4.62 प्रतिशत दर्ज की गई।
राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए मामलों में वृद्धी जारी है और लगातार सातवें दिन 1000 से अधिक मरीज सामने आए। गुरुवार को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,367 नए मामले सामने आए जबकि दो मरीज की मौत हो गई। इस अवधि में संक्रमण दर 4.62 प्रतिशत दर्ज की गई। आज आए आंकड़ों के साथ ही राजधानी में सक्रिय मरीजों की संख्या 5250 हो गई है। इसके अलावा, बीते 24 घंटों के दौरान 1070 लोगों को छुट्टी दी गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना की जांच के लिए बुधवार को 32,248 टेस्ट हुए जिसमें 4.62 फीसदी मरीज संक्रमित पाए गए। दिल्ली में अभी तक 18,79,948 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 18,48,526 मरीज ठीक हो गए, जबकि 26172 मरीजों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया। दिल्ली में कोरोना से मृत्युदर 1.39 फीसदी है। विभाग के अनुसार दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मरीज बढ़कर 5250 हो गए हैं। इनमें से होम आइसोलेशन में 3636 मरीज भर्ती हैं वहीं अस्पतालों में 124 मरीज भर्ती हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से आईसीयू में 37, ऑक्सीजन सपोर्ट पर 44 और वेंटिलेटर पर 2 मरीज भर्ती हैं।
कंटेनमेंट जोन में हैं 20 फीसदी कोरोना मरीज
दिल्ली में कोरोना के 20 फीसदी सक्रिय कोरोना मरीज कंटेनमेंट जोन के अंदर हैं। कोरोना संक्रमण की चेन को खत्म करने के लिए कंटेनमेंट जोन तेजी से बनाए जा रहे हैं। दिल्ली में पांच दिन पहले जहां 647 कंटेनमेंट जोन थे, वहीं अब उनकी संख्या बढ़कर 919 हो गई है। इसमें 123 कंटेनमेंट जोन तो 24 घंटे में बनाए गए हैं। वहीं पिछले पांच दिन में कोरोन जांच भी दोगुनी कर दी गई है।
कोरोना केस ज्यादा आ रहे लेकिन मरीज गंभीर नहीं : सत्येंद्र जैन
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में कोविड के केस ज्यादा आ रहे हैं, लेकिन कोई गंभीर मरीज नहीं है। दिल्ली में करीब पांच हजार सक्रिय मरीज हैं। पहले की कोरोना लहरों में जब पांच हजार सक्रिय मरीज होते थे तो एक हजार अस्पताल में भर्ती होते थे। मरीजों के अस्पतालों में नहीं जाने का कारण है कि दिल्ली में ज्यादातर लोगों को टीका लग चुका है। ज्यादातर लोगों को पहले संक्रमण हो चुका है, इसलिए गंभीर मरीज नहीं आ रहे है। मरीज बढ़ते भी है तो हमारी कोविड बेड की तैयारी पूरी है। दिल्ली में कोविड के लिए दस हजार कोविड बेड पहले से हैं। उन दस हजार बेड में से सिर्फ 124 पर कोविड मरीज हैं। बच्चों के लिए घबराने की जरूरत नहीं है। अभी तक का अनुभव यही रहा है कि बच्चों में संक्रमण बड़ों के बराबर रहा है, लेकिन बच्चों में गंभीर मरीज बहुत कम रहे हैं। हमें घबराने की जरूरत नहीं है, सिर्फ सतर्क रहने की जरूरत नहीं है।