गैंगरेप के सबूत का ही 'गबन' कर गई दिल्ली पुलिस की महिला सब इंस्पेक्टर
मोबाइल का लालच दिल्ली पुलिस की एक महिला सब इंस्पेक्टर को भारी पड़ा है। महिला सब इंस्पेक्टर ने दुष्कर्म के एक मामले की जांच के दौरान आरोपी का मोबाइल जब्त तो कर लिया, लेकिन उसे मालखाने में जमा कराने की...
मोबाइल का लालच दिल्ली पुलिस की एक महिला सब इंस्पेक्टर को भारी पड़ा है। महिला सब इंस्पेक्टर ने दुष्कर्म के एक मामले की जांच के दौरान आरोपी का मोबाइल जब्त तो कर लिया, लेकिन उसे मालखाने में जमा कराने की बजाय खुद अपने पास ही रख लिया। अदालत ने इस कृत्य को सरकारी संपत्ति के गबन की श्रेणी में रखा है।
द्वारका स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह की अदालत ने कापसहेड़ा थानाध्यक्ष को इसी थाने में तैनात महिला सब इंस्पेक्टर अनुजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409(सरकारी संपति का गबन) एवं 201(सबूत मिटाने) के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने इस मामले में कानून की व्यख्या करते हुए कहा कि जब भी किसी आपराधिक मामले में पुलिस आरोपों को साबित करने के लिए आरोपी के पास से साक्ष्य के तौर पर कोई सामान जब्त करती है, तो वह संपत्ति मामला प्रमाणित होने तक सरकार की संपत्ति हो जाती है। अब चूंकि आरोपी के पास से मोबाइल जब्त कर लिया गया था इसलिए मोबाइल का मालखाने में जमा न होना एक सरकारी कर्मचारी द्वारा सरकार की संपत्ति का गबन करने की श्रेणी में आता है। साथ ही, क्योंकि यह मोबाइल आरोपों से जुड़ा है इसलिए इसका गायब होना सबूत के मिटाना ही माना जाएगा।
अपने ही थाने में दर्ज होगी एसएचओ के खिलाफ एफआईआर, जानें वजह
वीडियो क्लीपिंग की जांच के नाम पर मोबाइल जब्त किया : इस मामले में 30 नवंबर 2018 को एक महिला ने छेड़खानी व दुष्कर्म का केस कापसहेड़ा थाने में दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि उसे बंधक बनाकर सामूहिक बलात्कार किया गया। अदालत में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता महिला ने कहा था कि आरोपियों ने बलात्कार करते समय उसका अश्लील वीडियो भी बनाया था। इन आरोपों के तहत जांच करते समय महिला सब इंस्पेक्टर अनुजा ने 14 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार किया व उसका मोबाइल जब्त कर लिया। जांच अधिकारी का कहना था कि वीडियो क्लीपिंग की जांच करनी है।
एक महीने बाद भी जमा नहीं कराया मोबाइल
इस मामले में आरोपी पंकज को पांच जनवरी 2019 को अदालत से जमानत मिल गई। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता को जानकारी मिली कि उनके मुवक्किल का मोबाइल अभी तक मालखाने में जमा नहीं हुआ है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता जय देव सोलंकी ने इस बाबत कोर्ट में याचिका दायर की। अदालत ने महिला पुलिसकर्मी से रिपोर्ट तलब की, तो उसने 12 जनवरी 2019 को रिपोर्ट पेश करते हुए गलती मानी और कहा कि वह मोबाइल जमा कराना भूल गई।
बचाव पक्ष के वकील बने शिकायतकर्ता
अदालत ने साक्ष्य (मोबाइल) के गबन के मामले में एक तरफ जहां महिला सब इंस्पेक्टर को गंभीर अपराध का आरोपी बनाया है, वहीं, बचाव पक्ष के वकील जय देव सोलंकी व विकास को इस मामले में शिकायतकर्ता बनाने के आदेश कापसहेड़ा थानाध्यक्ष को दिए हैं। अदालत ने आदेश के पालन (महिला सब इंस्पेक्टर खिलाफ केस दर्ज करने ) संबंधी रिपोर्ट 31 जनवरी को पेश करने के निर्देश भी दिए हैं।