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17 पुलिसवालों की टीम, लगातार निगरानी और कई राज्यों में तलाश; बर्गर किंग शूटआउट के 3 शूटरों का कैसे किया खात्मा

भाऊ गैंग के एक सदस्य ने ही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को उनकी योजना के बारे में सूचना दी थी, जिससे पुलिस अधिकारी तीन लोगों - आशीष लालू, विकास उर्फ विक्की रिधाना और सनी खरार उर्फ गुज्जर तक पहुंच गए।

Praveen Sharma नई दिल्ली। कर्ण प्रताप सिंह (हिन्दुस्तान टाइम्स डॉट काम), Sun, 14 July 2024 02:10 PM
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दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने बर्गर किंग में हुई गोलीबारी में शामिल रहे तीन बदमाशों को हरियाणा के सोनीपत में हुए एनकाउंटर में मार गिराया। दिल्ली पुलिस की 17 सदस्यीय टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और अपने मुखबिर नेटवर्क से मिली सूचनाओं का सहारा लेते हुए तीन सप्ताह तक उन्हें ट्रेस किया। इस मामले की जानकारी रखने वाले जांचकर्ताओं ने एनकाउंटर के एक दिन बाद इस बारे में जानकारी दी। 

एनकाउंटर में शामिल दो पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि तीनों बदमाश आशीष, विक्की और सन्नी पुर्तगाल में बैठे भगोड़े गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के गैंग से जुड़े हुए थे। ये सभी अपने गैंग के सरगना के लिए एक स्थानीय डॉक्टर से 50 लाख रुपये की उगाही करने के 5 किलोमीटर दूर एक गांव की ओर जा रहे थे। इस बीच, पुलिस टीम ने उन्हें घेर लिया। मुठभेड़ के दौरान गैंगस्टरों और पुलिस के बीच 43 गोलियां चलीं।

भाऊ गैंग के एक सदस्य ने ही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम को उनकी योजना के बारे में सूचना दी थी, जिससे पुलिस अधिकारी तीन लोगों - आशीष लालू, विकास उर्फ विक्की रिधाना और सनी खरार उर्फ गुज्जर तक पहुंच गए। मुखबिर की पहचान गुप्त रखी गई है और उसे पुलिस सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है।

आशीष और विक्की 18 जून को दिल्ली के राजौरी गार्डन में हुई गोलीबारी में शामिल थे, जिसमें एक प्रतिद्वंद्वी गैंग के सदस्य - अमन जून (26 वर्ष) को बर्गर किंग आउटलेट के अंदर गोली मार दी गई थी। गोलीबारी के दौरान वहां 60 से अधिक लोग मौजूद थे। पुलिस ने कहा कि उनका साथी बिजेंद्र सिंह उर्फ ​​गोलो उन्हें अपनी मोटरसाइकिल पर बर्गर किंग में लाया था, उसे जून माह के आखिरी हफ्ते में रोहिणी इलाके से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वो अभी अमन जून को कथित तौर पर  बर्गर किंंग रेस्टोरेंट में बुलाने वाली युवती अनु धनखड़ की तलाश कर रहे हैं।

स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने कहा, ''वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि अमन जून अपनी जान बचाने के लिए बिलिंग काउंटर के पार कूद गया। हमलावरों ने उसका पीछा किया और उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करते रहे। उन्होंने करीब से करीब 25 राउंड फायरिंग की, जिससे अमन की मौके पर ही मौत हो गई। राजौरी गार्डन थाने में हत्या और फायरिंग का मामला दर्ज किया गया था। बाद में भाऊ गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये अमन जून की हत्या की जिम्मेदारी ली।"

बर्गर किंग फायरिंग का मकसद

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि प्रतिद्वंद्वी को खत्म करने के अलावा बर्गर किंग में गोलीबारी का मकसद दिल्ली के व्यापारिक समुदाय को "चेतावनी" देना भी था। पिछले कुछ हफ्तों में भाऊ और उसके सहयोगी साहिल रिटोलिया, जो विदेश में छिपा हुआ है, से दिल्ली के पांच या छह व्यापारियों को जबरन वसूली की धमकियां मिल चुकी हैं। अधिकारी ने बताया कि बर्गर किंग की गोलीबारी से पहले, उनके गैंग के सदस्यों ने तिलक नगर में एक पुरानी कार शोरूम में गोलीबारी की थी और बाद में 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।

स्पेशल पुलिस आयुक्त (क्राइम) शालिनी सिंह ने बताया कि बर्गर किंग हत्याकांड के बाद क्राइम ब्रांच की आरके पुरम टीम ने तीनों संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी थी। गोलीबारी के 10 दिन बाद स्पेशल सेल ने बिजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा, "हमारी क्राइम ब्रांच की टीम के सदस्य आशीष और विक्की के बारे में जानकारी जुटाने को तीन सप्ताह से अधिक समय तक ग्राउंड पर रहे। टीम ने संदिग्धों की तलाश में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा का दौरा किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।"

आखिर कैसे हुआ पूरा ऑपरेशन

शालिनी सिंह ने बताया कि 12 जुलाई को टीम को सूचना मिली कि दोनों संदिग्ध और उनके साथी किआ सेल्टोस कार में सोनीपत के खरखौदा गांव से गुजरेंगे।

डीसीपी (क्राइम) अमित गोयल के अगुवाई में क्राइम ब्रांच की 17 सदस्यीय टीम को दोपहर में सोनीपत भेजा गया। उन्होंने हरियाणा पुलिस को इसकी सूचना दी और हरियाणा एसटीएफ को छापेमारी में शामिल होने का निर्देश दिया गया।

शुक्रवार रात करीब 8 बजे क्राइम ब्रांच के कुछ लोगों ने सफेद कार में तीनों को जाते देखा और उसका पीछा करना शुरू कर दिया। करीब आधे घंटे बाद भागने की कोशिश में वे रोहतक-चिनौली रोड पर तेजी से आगे बढ़े और सीधे एसटीएफ और क्राइम ब्रांच के अन्य कर्मियों द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए।

शालिनी सिंह ने कहा, "आगे पुलिस की मौजूदगी को देखकर संदिग्धों ने गाड़ी को कच्ची सड़क की ओर मोड़ दिया, लेकिन उनकी कार कीचड़ में फंस गई। तीनों ने पहले कार के अंदर से पुलिस पर फायरिंग की और फिर बाहर निकल आए। उन्हें फायरिंग बंद करने और सरेंडर करने की चेतावनी दी गई, लेकिन उन्होंने फायरिंग नहीं रोकी, इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।"

पुलिसकर्मियों द्वारा चलाई गई 19 राउंड में से कम से कम 11 गोलियां तीनों बदमाशों को लगीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आशीष और विक्की को सिर, गर्दन और सीने में तीन-तीन गोलियां लगीं और सनी को सिर और सीने में पांच गोलियां लगीं। हमलावरों ने भी 24 राउंड फायर किए, जिनमें से एक गोली पुलिस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे डीसीपी गोयल की बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगी।

डीसीपी गोयल ने बताया कि आशीष हत्या, जबरन वसूली, दंगा और पुलिसकर्मियों पर हमला समेत 18 गंभीर अपराधों में शामिल रहा है, जबकि विक्की और सनी के खिलाफ क्रमश: तीन और चार मामले दर्ज हैं।

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