फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाने वाले गैंग के 3 सदस्य गिरफ्तार, साइबर अपराधियों को बेचते थे बैंक खाते
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जालसाजों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी आधार कार्ड, पैन गार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर कार्ड सहित अन्य कई जरूरी दस्तावेज तैयार करते थे।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जालसाजों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फर्जी आधार कार्ड, पैन गार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर कार्ड सहित अन्य कई जरूरी दस्तावेज तैयार करते थे। पुलिस ने गिरोह के तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है।
आरोपी इन जरूरी नकली दस्तावेजों के आधार पर लोगों के बैंक खाते खुलवाने का काम करते थे। इसके जरिये ये बैंक से लोन लेने और दूसरी तरह की ठगी करने का काम करते थे। जालसाजों में मुकुंदपुर निवासी रोहित उर्फ आकाश, वजीराबाद निवासी पिंटू और बापरोला निवासी अनुराग शामिल हैं।
आरोपियों के पास से एजेंट की ओरिजिनल फिंगर प्रिंट की जगह इस्तेमाल होने वाला टो प्रिंट, 48 सिमकार्ड, 27 आधार कार्ड, 34 पैन कार्ड, चार वोटर कार्ड, फर्जी लाइसेंस बनाने के लिए चार ब्लैंक चिप कार्ड, 15 मोबाइल, दो लैपटॉप, सात डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 20 चैक बुक, आदर्श नगर के विधायक पवन शर्मा के नाम की एक फर्जी स्टांप, एक फिंगर प्रिंट स्कैनर मशीन, यूएसबी कैमरा और एक कलर प्रिंटर बरामद हुआ है।
साइबर जालसाजों को बेचते थे अकाउंट : जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने के बाद यह गिरोह साइबर जालसाजी करने वाले गिरोह के सदस्यों को या दस्तावेज बेच देता था या बैंक अकाउंट खोल कर दे देता था। इसके अलावा आरोपी बैंक खाते खोलकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम और दूसरे सामान लोन पर लेकर भी बैंकों को चूना लगा रहे थे। बहरहाल पुलिस इन आरोपियों को गिरफ्तार कर इनसे बाकी जालसाजों के बारे में पता करने का प्रयास कर रही है।
नकली दस्तावेजों के आधार पर खाते खोले
क्राइम बांच के स्पेशल कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव के मुताबिक, उनकी टीम को एक एएसआई ब्रह्म देव को इस गिरोह के बारे में सूचना मिली थी कि जहांगीरपुरी के ए-ब्लॉक में स्थित एक साइबर कैफे में फर्जी दस्तावेज बनाए जाते हैं। पुलिस इनके पीछे लगी और बारी-बारी से सभी आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक खाते खोले जाते थे।
अपने लिए लोन भी पास कराने लगे थे आरोपी
पुलिस के मुताबिक, आरोपी रोहित कैफे संचालक करीम के पास काम करता था। करीम भी इस धंधे में लिप्त है। आरोपी पिंटू अपने सहयोगी रोहित और करीम को फर्जी आईडी पर जारी सिम कार्ड मुहैया कराता था। इन सिम का इस्तेमाल फर्जी आधार और दूसरे दस्तावेज बनाने में किया जाता था। आरोपी अनुराग का काम फर्जी दस्तावेज पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम लोन और अन्य दूसरे लोन पास कराने का होता था। इसके लिए भी फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता था।