अश्लील वीडियो के जरिये उगाही करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, पीड़ित से की थी 1.8 करोड़ की उगाही
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साइबर जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर लोगों से उगाही करता था। पढ़ें यह रिपोर्ट...
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साइबर जालसाजों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पकड़े गए आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक सेवानिवृत्त कमांडेंट से कथित रूप से 1.8 करोड़ रुपये की वसूली की थी। पुलिस के हत्थे चढ़े तीनों आरोपियों ने खुद को गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर वारदात को अंजाम दिया था। आरोपियों ने पीड़ित को यह भी धमकी दी थी कि उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा, क्योंकि जिस लड़की से उन्होंने व्हाट्सएप पर बात की थी, उसने खुदकुशी कर ली है।
बीस से ज्यादा बैंक अकाउंट का कर रहे थे इस्तेमाल
गिरफ्तार जालसाजों में नीरज, अजीत और जरीफ शामिल है। आरोपियों को यूपी के मथुरा और राजस्थान के भरतपुर से दबोचा गया है। पुलिस के मुताबिक यह गैंग बीस से ज्यादा बैंक अकाउंट ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल कर रहा था। इनके पास से एक महिन्द्रा थार गाड़ी भी जब्त की गई है। क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रविंद्र यादव ने बताया कि जरीफ मुख्य साजिशकर्ता है। उसने पीड़ित के सामने खुद को यू-ट्यूब अधिकारी होने का नाटक किया और गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में भी खुद को पेश कर उससे कई बार बात की थी।
व्हाट्सएप पर महिला के संपर्क में आए
स्पेशल कमिश्नर के मुताबिक आईटीबीपी के सेवानिवृत्त कमांडेंट द्वारा दक्षिण-पश्चिम दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद मामला सामने आया था। कमांडेंट ने आरोप लगाया कि वह व्हाट्सएप पर एक महिला के संपर्क में आए, जिसने उन्हें उनके अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी दी।
अश्लील वीडियो को ब्लॉक करने के बहाने पैसे वसूले
शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके पास एक व्यक्ति का फोन भी आया, जिसने खुद को दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के अधिकारी के रूप में पेश किया और सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो को ब्लॉक करने के बहाने पैसे वसूले। बाद में गिरोह के सदस्यों ने फोन पर यह बताया कि जिस लड़की ने उसे फोन किया था, उसने राजस्थान में आत्महत्या कर ली है। उसके खिलाफ अब इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।
यूपी के मथुरा और राजस्थान के भरतपुर से ऑपरेट कर रहा था गैंग
जांच टीम ने करीब दो सौ से ज्यादा मोबाइल नंबरों और बीस से अधिक बैंक अकाउंट की जांच पर फोकस किया। जिसके बाद पता चला यह गैंग यूपी के मथुरा और राजस्थान के भरतपुर से ऑपरेट कर रहा है। इसके बाद पुलिस की टीम ने दोनों ही जगह पर रेड कर उक्त तीनों आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि नीरज महज आठवीं कक्षा तक पढ़ा है।
जल्द अमीर बनने के लिए किया ऑनलाइन फ्रॉड
नीरज अन्य आरोपियों से मिला और उसने मथुरा में बैंक अकाउंट खोल दिया, लेकिन एटीएम कार्ड, चैक बुक व अन्य बैंक अकाउंट संबंधी कागजात उसके पास नहीं थे। बैंक अकाउंट की सुविधा देने के एवज में उसे जालसाजों ने साढ़े 17 लाख रुपए इसके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए थे। आरोपी अजीत दूसरी कक्षा तक पढ़ा है। उसने भी इस ठगी के लिए अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया था, जिसके एवज में उसे 41.5 लाख रुपए दिए गए थे। वहीं, जरीफ पांचवीं तक पढ़ा है। उसके चार बच्चे हैं और जल्द अमीर बनने की चाहत में वह ऑनलाइन फ्रॉड करने लगा था।