Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi Police commissioner Sanjay Arora to restart Jan Sunwai after two years from 24 August

दिल्ली पुलिस कमिश्ननर दो साल बाद 24 अगस्त से फिर शुरू करेंगे जन सुनवाई, कोरोना महामारी से लगा था ब्रेक

सर्कुलर में कहा गया है कि सतर्कता विभाग के एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को 'एसीपी जन सुनवाई' के रूप में नामित किया जाएगा, जिसके तहत पर्याप्त संख्या में इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर तैनात होंगे।

Praveen Sharma नई दिल्ली | पीटीआई, Tue, 23 Aug 2022 04:31 PM
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा 24 अगस्त से दिल्ली पुलिस मुख्यालय स्थित अपने ऑफिस में अपनी पहली जन सुनवाई करेंगे। पुलिस कमिश्नर द्वारा दो साल में यह पहला जन सुनवाई सत्र होगा। 1 अगस्त को दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर के रूप में कार्यभार संभालने वाले अरोड़ा जन सुनवाई को फिर से शुरू करेंगे।

पूर्व में भी शिकायतकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए जन सुनवाई का आयोजन किया जाता था, लेकिन COVID-19 महामारी के कारण इसे रोक दिया गया था। एक आधिकारिक सर्कुलर के अनुसार, जन सुनवाई 24 अगस्त से शुरू होगी। यह सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की जाएगी।

दिल्ली का सतर्कता विभाग जन सुनवाई के लिए नोडल एजेंसी होगा और स्पेशल पुलिस कमिश्नर (विजिलेंस) जनता की सुविधा के लिए पुलिस मुख्यालय में जन सुनवाई डेस्क बनाएंगे और यह सभी विजिटर्स के लिए संपर्क का पहला बिंदु होगा, जो जन सुनवाई में शामिल होना चाहते हैं।

सर्कुलर में कहा गया है कि सतर्कता विभाग के एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को 'एसीपी जन सुनवाई' के रूप में नामित किया जाएगा, जिसके तहत पर्याप्त संख्या में इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर तैनात होंगे और उन्हें 'जन सुनवाई इंटरफेस ऑफिसर' (JSIO) के रूप में नामित किया जाएगा।

इसमें कहा गया है कि JSIO विजिटर्स या शिकायतकर्ताओं को सुनेंगे और उनकी शिकायतें लेंगे। प्रत्येक JSIO एक दिन में पांच से दस शिकायतकर्ताओं को संबोधित करेगा।

स्पेशल पुलिस कमिश्नर (विजिलेंस) केवल उन मामलों में सीपी सचिवालय के माध्यम से कमिश्नर के समक्ष रिपोर्ट रखेंगे, जहां वे अनुचित कार्रवाई, दुर्भावनापूर्ण या भ्रष्ट गतिविधियों, मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन, असामान्य रूप से हटाए गए कार्रवाई, या कमिश्नर के व्यक्तिगत ध्यान की आवश्यकता का संकेत देते हैं। दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश अस्थाना पुलिस कर्मियों की शिकायतों को दूर करने के लिए 'ओपन हाउस' चलाते थे।

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