क्राइम का वीडियो वायरल हुआ तो अफसरों पर होगी कार्रवाई, कमिश्नर का DCP को आदेश
नजफगढ़ में हुई इस भयानक वारदात के CCTV फुटेज में नजर आ रहा था कि एक पीड़ित गोली लगने से पहले हमलावरों से जूझ रहा था। प्वाइंड-ब्लैक रेंज से उसके सिर में गोली मारी गई थी। उसकी मौत हो गई थी।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने सभी DCP और यूनिट प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वो यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आपराधिक घटना का वीडियो बाहर ना शेयर किया जाए। दरअसल हाल ही में एक वीडियो सामने आया था। यह वीडियो नजफगढ़ इलाके का था। इस वीडियो में नजर आ रहा था कि नजफगढ़ के एक सैलून में गोलीबारी हुई है। इस गोलीबारी में दो लोग मारे गए थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हमें यह निर्देश मिला है और हमने सभी को इस बारे में बता दिया है। हम सभी से कहा गया है कि हम आदेश का सख्ती से पालन करें।' घटना के CCTV फुटेज में नजर आ रहा था कि एक पीड़ित गोली लगने से पहले हमलावरों से जूझ रहा था। प्वाइंड-ब्लैक रेंज से उसके सिर में गोली मारी गई थी।
नजफगढ़ में हुई इस वारदात का CCTV फुटेज लगातार वायरल हो रहा है और हजारों लोगों द्वारा इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है। इसकी वजह से केस की जांच में समस्या आ रही है। यह सीसीटीवी फुटेज पुलिस के इस्तेमाल के लिए है। आदेश के मुताबिक, अगर इसका अनुपालन नहीं होता है तो वरिष्ठ अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। 10 फरवरी को अपने आदेश में संजय अरोड़ा ने कहा कि इस तरह की चीजों से पीड़ितों की निजता और मामले की संवेदनशीलता प्रभावित होती है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से कहा गया है कि अपराध के बाद सीसीटीवी को तुरंत सीज किया जाए। पुलिसवाले कई बार अपने मुखबिरों को भी फुटेज भेजकर आरोपी की पहचान करने की कोशिश करते हैं। लेकिन वीडियो के वायरल होने की वजह से पुलिस को अपना काम करने में मुश्किलें आती हैं। इसलिए वीडियो को सीज करने के आदेश दिए गए हैं ताकि वीडियो को मुखबिरों के पास भेज आरोपियों की पहचान की जा सके। पुलिस को आदेश दिया गया है कि वो अपने अलग-अलग यूनिटों मसलन - स्पेशल स्टाफ, क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल को भी सिर्फ स्क्रीनशॉट उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।