वित्त मंत्रालय से संवेदनशील जानकारी लीक करने वाले जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश, एक गिरफ्तार
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक संविदा कर्मचारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर पैसे के बदले जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। दिल्ली पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जासूसी के आरोप में वित्त मंत्रालय के एक कर्मचारी गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम सुमित बताया जा रहा है, जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहा था। वह डेटा एंट्री ऑपरेटर यूनिट में सुमित काम कर रहा था। उसपर पैसे के बदले जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। उससे पूछताछ कर इस पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि वह कितने दिनों से जासूसी कर रहा था।
मोबाइल फोन बरामद
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, तलाशी के दौरान उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया, मोबाइल का इस्तेमाल वह वित्त मंत्रालय से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं साझा करने के लिए करता था। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। काइम ब्रांच आरोपी को मंगलवार को ही गिरफ्तार किया है।
पूरे नेटवर्क का पता लगाने में जुटी दिल्ली पुलिस
पुलिस का कहना है कि चूंकि इस पूरे नेटवर्क को लेकर जांच चल रही है, जो कि अभी प्रारंभिक स्तर पर है। लिहाजा इस बारे में अभी जानकारी साझा नहीं किया जा सकता है।
अब तक कौन-कौन सी जानकारियां भेजी, हो रही छानबीन
चूंकि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। इसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की जाएगी। वहीं 1 फरवरी को वित्त मंत्री वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगी। इसलिए बजट से जुड़ी जानकारियों को काफी सीक्रेट रखा जाता है। ऐसे में ये पता लगाने की कोशिश हो रही कि आरोपी ने अब तक कौन-कौन सी जानकारियां भेजी हैं। साथ ही इसको खरीदने वाले लोग कौन थे?
अन्य कर्मचारियों की भी जांच
सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय में तैनात अन्य कर्मचारियों की भी जांच की जा रही, ताकि ये पता चल सके कि किस-किस ने इस काम में उसका साथ दिया। ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 सरकारी कर्मचारियों और सामान्य नागरिकों पर लागू होता है। इस कानून के तहत जो व्यक्ति जासूसी में शामिल होगा और इस तरह की गतिविधियों में सक्रिय रहेगा। उसके खिलाफ इस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है।