Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi Police arrested three men defrauding senior citizens based in the US

दिल्ली पुलिस ने बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का किया पर्दाफाश, 20 हजार अमेरिकी नागरिकों को ठगने का आरोप

दिल्ली पुलिस ने अवैध कॉल सेंटर चलाने और अमेरिका में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को उनके कंप्यूटरों में 'खराबी' के खिलाफ प्रौद्योगिकी मदद प्रदान करने के बहाने ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया

Krishna Bihari Singh हिंदुस्तान, नई दिल्लीSat, 17 Dec 2022 02:47 AM
share Share
Follow Us on
दिल्ली पुलिस ने बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का किया पर्दाफाश, 20 हजार अमेरिकी नागरिकों को ठगने का आरोप

अमेरिकी एजेंसी एफबीआई से मिले इनपुट के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। कनाड़ा, अमेरिका और दिल्ली पुलिस ने एक ही दिन कार्रवाई करते हुए अपने अपने यहां से पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी हर्षद मदान, जतिन लांबा और विकास को दिल्ली से, टोरंटो से जयंत भाटिया और न्यू जर्सी से कुलविंदर सिंह को पकड़ा गया है।

हजारों लोगों से ठगी
एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने पिछले 10 साल में 20 हजार से ज्यादा विदेशी लोगों से 10 मिलियन यूएस डॉलर से ज्यादा की रकम ठगी है। आरोपी फर्जी कंपनी और कॉल सेंटर की मदद से अमेरिका सहित कई देशों में बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते थे। पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने सीबीआई के इंटरपोल विंग के जरिए दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था। एफबीआई ने बताया कि दिल्ली और उसके आसपास एक बड़ा साइबर फ्रॉड सिंडिकेट चलाया जा रहा है।

विदेशी नागरिकों को बनाते थे निशाना 
यह सिंडिकेट विदेशों में बुजुर्ग नागरिकों को अपना शिकार बना रहे हैं। जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस हर्षद मदान, विकास तक पहुंची। जांच में सामने आया कि अमेरिका में ये लोग कुलविंदर सिंह और टोरंटो में जयंत भाटिया के संपर्क में थे। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी एफबीआई और कैनेडियन इंफोर्समेंट एजेंसी को दी। जिसके बाद तीनों देशों की एजेंसी ने एक दिन तय किया और सभी जगहों पर एक साथ छापा मारा। एंजेसियों ने छापा मार कर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

तकनीकी सपोर्ट के नाम पर ठगी
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह सबसे पहले उनके पास मौजूद डाटा के नम्बरों और लोगों के कंप्यूटर पर पॉप-अप भेजते थे। जिसके बाद लोगों को ई-मेल और वीओपीआई कॉल के जरिए डराया जाता था कि उनके कंप्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट संबंधी समस्या आई है या फिर वायरस अटैक हुआ है। इसके चलते परेशानी या फिर धोखाधड़ी हो सकती है। तकनीकी सपोर्ट देने के नाम पर टीम व्यूवर, एनी डेस्क की मदद से कंप्यूटर को एक्सस खुद ले लेते। उसके बाद सिस्टम को ठीक करने के नाम पर विदेशी नागरिकों से 200 से 500 डॉलर की ठगी करते।

गणेश नगर के पते पर खोली थी फर्जी कंपनी 
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी जतिन लांबा ने अपने भाई गगन के साथ मिलकर गणेश नगर के पते पर एक फर्जी कम्पनी खोली हुई थी। इसी कम्पनी की मदद से फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। इसी कॉल सेंटर से लोगों को मदद के बहाने फोन कर ठगी होती थी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें