कंझावला केस में पुलिस ने जोड़ी हत्या की धारा, यह भी बताया- क्यों लिया यह फैसला
कंझावला केस को लेकर दिल्ली पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा 307 जोड़ने का निर्णय लिया है। पुलिस ने यह भी बताया है कि उक्त निर्णय उसे क्यों लिया...
दिल्ली पुलिस ने कंझावला केस में हत्या की धारा 302 भी जोड़ दी है। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सुल्तानपुरी में 20 वर्षीय युवती अंजलि को टक्कर मारने और कार से घसीटे जाने के मामले में हत्या की धारा (भारतीय दंड संहिता की धारा 302) को भी जोड़ा गया है। पुलिस ने यह भी बताया है कि उसने इस केस में हत्या की धारा 302 को जोड़ने का फैसला क्यों लिया है। पुलिस का कहना है कि फिजिकल, मौखिक, फोरेंसिक एवं दूसरे वैज्ञानिक सबूतों के मिल जाने के बाद इस केस में हत्या की धारा को जोड़ने का फैसला लिया गया। अब इस मामले में आईपीसी की धारा 304 के स्थान पर धारा 302 आईपीसी जोड़ दी गई है। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस इस केस में हत्या की धारा लगाने को लेकर इसलिए हिचकिचा रही थी क्योंकि अदालत में उसके सामने आरोपों को साबित करने की एक बड़ी चुनौती होती। अब चूंकि इस केस में हत्या के आरोपों को साबित करने लायक सबूत मिल गए हैं। इसी वजह से मामले में हत्या की धारा को जोड़ने का फैसला लिया गया है। वैसे दिल्ली पुलिस ने एक दिन पहले ही इस मामले में हत्या की धारा को जोड़ने के संकेत दे दिए थे। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सत्र अदालत को सूचित किया था कि वह कंझावला केस में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ेगी।
मालूम हो कि इस केस के सात आरोपियों में से छह को प्रारंभिक तौर पर धारा 304 के तहत आरोपित किया गया था। अब चूंकि धारा 304 की जगह भारतीय दंड संहिता की धारा 302 को जोड़ा गया है, इसलिए मामले के छह आरोपियों पर हत्या के आरोप में केस चलेगा। भारतीय दंड संहिता में हत्या के जुर्म में दोषी को उम्रकैद अथवा मौत की सजा तक का प्राविधान है। अब इस केस में दिल्ली पुलिस के सामने आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 तहत सजा दिलाने की बड़ी चुनौती होगी। सनद रहे दिल्ली पुलिस पहले इस केस को साधारण सड़क दुर्घटना मानकर चल रही थी। लेकिन, इस मामले में आरोपियों की हैवानियत को लेकर व्यापक जनाक्रोश सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे।
उल्लेखनीय है कि कंझावला में 31 दिसंबर की देर रात को 20 वर्षीय युवती अंजलि की स्कूटी को टक्कर मारे जाने के बाद उसे कार से कई किलोमीटर दूर तक घसीटा गया था। इस घटना में उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी। साल के पहले ही दिन इस भयावह केस ने समूचे देशवासियों की भावनाओं को आक्रोशित कर दिया था। इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी आशुतोष भारद्वाज को मंगलवार को जमानत दे दी। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी जाती है। इसके साथ ही अदालत ने जमानत के लिए शर्तें भी तय कर दी। इन शर्तों के तहत आरोपी अब सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जाएगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होगा और अपना मोबाइल फोन चालू रखेगा।