दिल्ली में मोहल्ला बसें 15 मिनट के अंतराल पर चलेंगी, हरा या लाल नहीं अलग होगी पहचान
मोहल्ला बस योजना के तहत चलने वाली इलेक्ट्रिक फीडर बसों का परिचालन डीटीसी नहीं करेगी। इनके परिचालन की जिम्मेदारी क्लस्टर बसों की तरह ही दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी वाली कंपनी को दी जाएगी।
दिल्ली सरकार ने लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए मोहल्ला बस चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। अलग-अलग इलाकों में चलाई जाने वाली ये बसें 7 से 15 मिनट के अंतराल पर चलेंगी। इनका काम दिल्ली की संकरी सड़कों पर बेहतर कनेक्टिविटी के साथ यात्रियों को प्रमुख सड़कों पर चलने वाली सार्वजनिक साधनों, मेट्रो से जोड़ना है। मोहल्ला बसों का रंग दिल्ली में चल रही मौजूदा बसों से अलग यानी आसमानी होगा।
वर्तमान में क्लस्टर, डीटीसी के अंतर्गत चलने वाली बसों का रंग नारंगी, नीला, हरा व लाल है। पहले चरण में सरकार मोहल्ला बस के रूप में मेट्रो से अधिगृहित की गई करीब 150 मेट्रो फीडर बसों का ही परिचालन करेगी। इन मेट्रो फीडर बसों का रंग सफेद व हरा था, जिसे बदलकर मोहल्ला बस के लिए आसमानी किया जा रहा है। सभी फीडर बसें इलेक्ट्रिक हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन बसों को फिलहाल 53 रूट पर चलाने की तैयारी है। ये वो सड़कें है, जहां बड़ी सामान्य बसों के आवाजाही से जाम की समस्या उत्पन्न होती है।
बजट में की थी घोषणा
दिल्ली सरकार ने बजट में मोहल्ला बस चलाने की घोषणा की थी। राजधानी के ग्रामीण इलाके, संकरी सड़कों, बड़ी कॉलोनियों को प्रमुख सड़कों और मेट्रो से सीधे कनेक्टिविटी के लिए इन्हें चलाया जाएगा। मोहल्ला बस योजना के तहत चलने वाली इलेक्ट्रिक फीडर बसों का परिचालन डीटीसी नहीं करेगी। इनके परिचालन से लेकर रखरखाव की जिम्मेदारी क्लस्टर बसों की तरह ही दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी वाली कंपनी डिम्ट्स को दी जाएगी। सरकार डिम्ट्स को प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करेगी। साल के अंत तक 380 और मिनी या फीडर बसें मोहल्ला बस के तहत सड़कों पर उतारी जाएगी।
15 सौ बसें जल्द आएंगी
दिल्ली में कुल 1500 ई-बसें आने वाली हैं। इसकी शुरुआत अप्रैल के अंत से हो जाएगी। बसों का एक बेड़ा तैयार हो गया है। डीटीसी के अधिकारी उसका निरीक्षण भी कर चुके हैं। कुछ कमियों को दूर करने के बाद उन्हें जल्द सड़कों पर उतारने के लिए लाया जाएगा।
दिल्ली सरकार किराड़ी में एक नया बस डिपो बनाने जा रही है। यह डिपो खासतौर से इलेक्ट्रिक बसों के लिए होगा। पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बनने वाले डिपो में 150 से अधिक बसों की पार्किंग व चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। अधिकारियों ने बताया कि इसी सप्ताह डिपो बनाने का काम शुरू हो जाएगा। यहां स्थानीय इलाके में चलाई जाने वाली बसों के पार्किंग के लिए जगह दी जाएगी। इससे इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन ठीक से किया जा सकेगा।