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मेट्रो ट्रेन से रिहायशी इलाकों में नहीं होगी कंपन की दिक्कत, ट्रैक के डिजाइन में बदलाव की तैयारी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुल तीन कॉरिडोर पिंक लाइन मौजपुर से मजलिस पार्क, मजेंटा लाइन विस्तार जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम और तीसरा सिल्वर लाइन तुगलकाबाद से एरोसिटी बन रहे हैं।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 21 Sep 2022 06:04 AM
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मेट्रो फेज चार में ट्रेन ट्रैक पर चलेगी तो उसके कंपन से आसपास के रिहायशी इलाकों के लोगों को परेशानी नहीं होगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) भूमिगत लाइन पर कंपन का आकलन कर ट्रैक डिजाइन में बदलाव करेगी। इसके अध्ययन के लिए विशेष एजेंसी की मदद ली जा रही है। 65 किलोमीटर लंबे फेज चार में 29.2 किलोमीटर भूमिगत कॉरिडोर शामिल है। दरअसल, मेट्रो कंपन व शोर को कम करने के लिए एलिवेटेड स्टेशनों पर बैरियर के अलावा भूमिगत लाइन पर फास्टनिंग व मास स्प्रिंग का प्रयोग करती है। अब फेज चार में मेट्रो ट्रैक डिजाइन में बदलाव करेगी क्योंकि तीन में एक कॉरिडोर जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम के बीच कई बेहद घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेगी।

मेट्रो ने फेज चार में परिचालन शुरू होने के बाद कितना कंपन हो सकता है, इसका विशेषज्ञ एजेंसी आकलन करेगी। इस दौरान कॉरिडोर के 100 मीटर के दायरे में स्थित इमारतों को भी अध्ययन में शामिल किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि कंपन का उनपर कितना असर पड़ेगा। इसमें अस्पताल, बहुमंजिला इमारतें, स्कूल समेत अन्य इमारतों का ध्यान रखा जाएगा।

तीन कॉरिडोर बनाए जा रहे

फेज चार में कुल तीन कॉरिडोर पिंक लाइन मौजपुर से मजलिस पार्क, मजेंटा लाइन विस्तार जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम और तीसरा सिल्वर लाइन तुगलकाबाद से एरोसिटी बन रहे हैं। इसमें मजेंटा लाइन विस्तार और सिल्वर लाइन पर ही भूमिगत लाइनें है। इसमें मजेंटा लाइन विस्तार मध्य दिल्ली के घनी आबादी वाले नबी करीम, बल्लीमरान जैसे इलाकों से होकर गुजरेगी।

दक्षिणी दिल्ली में सबसे ज्यादा दिक्कत 

दिल्ली मेट्रो के मौजूदा भूमिगत कॉरिडोर पर ट्रेन गुजरने के दौरान आने वाले कंपन व शोर को लेकर पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं। इसमें दक्षिणी दिल्ली व मध्य जिला नेटवर्क को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत रही है।उसके बाद भी दिल्ली मेट्रो ने फेज तीन में बने पुरानी दिल्ली से गुजरने वाले वायलेट लाइन पर कश्मीरी गेट से आईटीओ के बीच फास्टनिंग (वेंगार्ड) और मास स्प्रिंग का प्रयोग ट्रैक में किया। जिसके कारण वे सतह को नहीं छूते है। इससे कंपन में काफी कमी आती है। दिल्ली मेट्रो की यह तकनीकी लंदन में ट्यूब मेट्रो नेटवर्क में प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा एलिवेटेड स्टेशन पर शोर कम करने के लिए शोर रोकने वाले बैरियर लगाए गए हैं।

इन इलाकों में शिकायतें

साकेत, बेगमपुर, शाहबाद मोहम्मदपुर, सर्वप्रिया विहार, दिल्ली गेट, मयूर विहार फेज वन के अलावा लुटियन दिल्ली के इलाकों से भी शिकायतें मिली हैं।

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