दिल्ली दंगे के 6 आरोपियों पर चलाया जाए मुकदमा, एलजी ने दी मंजूरी; जानिए क्या है आरोप
Delhi Riots : एलजी विनय कुमार सक्सेना ने जिस केस में मुकदमे की मंजूरी दी है वो केस 25 साल के शाहीद उर्फ अल्लाह मेहर की मौत से जुड़ा हुआ है। शाहीद न्यू मुस्तफाबाद के गली नंबर-17 का रहने वाला था।
Delhi Riots : दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली दंगे के 6 आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह सभी साल 2020 में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी बताए जा रहे हैं।इस दंगे में एक शख्स की गोली लगने से मौत हो गई थी और इसी के आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी अब उपराज्यपाल ने दी है। जांच-पड़ताल के दौरान यह सामने आया है कि नागरिकता संसोधन अधिनियम के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान एक गहरी साजिश रची गई थी। एलजी ने जिस केस में मुकदमे की मंजूरी दी है वो केस 25 साल के शाहीद उर्फ अल्लाह मेहर की मौत से जुड़ा हुआ है। शाहीद न्यू मुस्तफाबाद के गली नंबर-17 का रहने वाला था। 24 फरवरी 2020 ,को हिंसा के दौरान उसे गोली लगी थी और फिर बाद में उसकी मौत हो गई थी।
उपराज्यपाल ने 1 मार्च 2020, को दयालपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई एफआईआर संख्या - 84/2020 पर अपना निर्णय दिया है। इस एफआईआर में मोहम्मद फिरोज, चांद मोहम्मद, रईस खान, मोहम्मद जुनैद, इरशाद और अकिल अहमद पर अपराध का आरोप है। इन पर 153A और 505 के तहत केस दर्ज है। भारतीय दंड संहिता की धारा 153A धर्म, जाति, जन्मस्थान और भाषा इत्यादि के नाम पर दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के इरादे से किये गये कृत्य से जुड़ा हुआ है।
वहीं धारा 505 समाज में नफरत फैलाने के इरादे से दिया गये भाषण या बयान से संबंधित है। इस केस में छह आरोपियों ने कबूल किया है कि वो दंगों में शामिल थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि वो जबरन सप्तऋषि इस्पात और अलॉय प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में घुसे थे और वहां दूसरे अन्य दंगाइयों के साथ लूटपाट मचाई थी। वजीराबाद रोड के पास चांद बाग मजार के नजदीक स्थित कंपनी के कार्यालय की छत पर पीड़ित को गोली लगी थी। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को दी गई थी। क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच में गवाहों के बयान लिए थे और सबूत जुटाए थे।
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने इस केस में सीआरपीसी की धारा 196 (1) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। एफआईआर संख्या 84/2020 भारतीय दंड संहिता की धारा 144, 145,147, 148,149, 153A, 302, 395,397,452,454,505,506,188 और 120B के तहत दर्ज की गई थी।