Hindi Newsएनसीआर न्यूज़delhi karkardooma court grants bail to person accused of assaulting kanhaiya kumar

कन्हैया कुमार पर हमला करने के आरोपी को जमानत, अन्य को पकड़ने की कोशिशें जारी

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में कन्हैया कुमार पर हमला करने और एक महिला नेत्री का अपमान करने के आरोपी को जमानत दे दी। हमला करने की कथित घटना पिछले शुक्रवार को हुई थी। 

Krishna Bihari Singh पीटीआई, नई दिल्लीWed, 22 May 2024 12:33 AM
share Share

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर इलाके में 17 मई को कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार (Congress leader Kanhaiya Kumar) पर हमला करने और एक महिला नेत्री का अपमान करने के आरोपी को जमानत दे दी। हमला करने की कथित घटना पिछले शुक्रवार को हुई जब कन्हैया कुमार न्यू उस्मानपुर स्थित आम आदमी पार्टी के कार्यालय में लोगों से बातचीत कर रहे थे। बैठक की मेजबानी महिला नेता ने की थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी अजय कुमार को न्यू उस्मानपुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया। 

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार पर हमले की घटना का कथित वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कन्हैया कुमार से बातचीत करते हुए कुछ लोगों ने उन्हें माला पहनाई। इस दौरान कन्हैया कुमार पर स्याही फेंकी गई। साथ ही उन पर हमला करने की कोशिश की गई। जब महिला नेता ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो आरोपी ने उनके साथ भी बदसलूकी की। दिल्ली पुलिस का कहना है कि मामले में अन्य आरोपियों को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं। 

यह घटना उस वक्त हुई थी जब कन्हैया कुमार स्थानीय पार्षद छाया शर्मा के साथ बैठक के बाद न्यू उस्मानपुर में आम आदमी पार्टी के कार्यालय से बाहर आ रहे थे। छाया शर्मा की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरुषि परवाल ने आरोपी अजय कुमार उर्फ ​​रणवीर भाटी को 25 हजार रुपये के बांड पर जमानत दे दी। FIR के मुताबिक, कुछ लोग आये और कन्हैया कुमार के गले में माला पहनाने के बाद उन पर स्याही फेंक दी और उनके साथ मारपीट की कोशिश की।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ IPC की धाराओं 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला करना), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (साझा इरादा) के तहत केस दर्ज किया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एफआईआर में लगाए गए आरोप 7 साल से कम कारावास के साथ दंडनीय हैं। चूंकि आरोपी का पिछला इतिहास साफ है, प्रस्तुत तर्क और मामले की परिस्थितियों के मद्देनजर आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार की जाती है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें