आतंकी आकाओं को क्रूरता दिखाने के लिए संदिग्धों ने कूड़ा बीनने वाले को उतारा था मौत के घाट
जहांगीरपुरी आतंकी मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो संदिग्ध आतंकियों ने आकाओं को क्रूरता दिखाने के लिए एक कूड़ा बीनने वाले युवक का बेरहमी से कत्ल कर दिया था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े दोनों कथित आतंकी नौशाद और जगजीत ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने उस युवक की पहचान का भी खुलासा किया है, जिसकी हत्या कर शव के कई टुकड़े किए थे। आरोपियों ने यह बताया कि उन्होंने इलाके में कूड़ा बीनने वाले युवक को जाल में फंसाया और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। आतंकी अपनी क्रूरता का उदाहरण आकाओं को दिखाना चाहते थे। पुलिस ने इस टार्गेट किलिंग केस में पीड़ित परिवार से मंगलवार को संपर्क भी किया और पहचान की पुष्टि करने के लिए उन्हें स्पेशल सेल के दफ्तर में भी बुलाया। हालांकि, बेहद सड़ी-गली अवस्था में लाश के बरामद होने के कारण इसकी पहचान करना आसान नहीं है। लिहाजा हुलिये के आधार पर तो परिजनों ने युवक के बारे में जानकारी मुहैया कराई। लेकिन पहचान की पुष्टि के लिए पुलिस अब इसका डीएनए टेस्ट कराएगी।
कूड़ा बीनने वाले युवक को ऐसे बनाया शिकार
दरअसल, अब तक जांच में आरोपियों ने यह खुलासा किया कि दोनों को हिंदू संगठन से जुड़े नेताओं को निशाना बनाने का जब जिम्मा सौंपा गया, लेकिन इससे पहले उदाहरण पेश करने को कहा गया था। योजना के तहत दोनों ने इलाके में कूड़ा बीनने वाले युवक से पहले तो जानपहचान बढ़ाई। फिर उसे धोखे से अपने पास बुलाकर और उसकी बेरहमी से हत्या कर उसका वीडियो बनाकर अपने आका को सीमापार भेजा। पुलिस के मुताबिक, युवक सड़क किनारे रहता था, इसलिए उन्होंने इसे अपना शिकार बनाना आसान समझा। साजिश के तहत उसकी हत्या कर साक्ष्य छिपाने की नीयत से शव के कई टुकड़े कर उसे ठिकाने लगा दिया।
पाकिस्तान के हैंडलर के जरिये हथियार प्राप्त किए
उधर, जांच में जुटी पुलिस इन आरोपियों के अलावा इनके नेटवर्क से जुड़े चार अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है। इसमें हथियार मुहैया कराने वाले संदिग्ध भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, संदिग्धों ने पाकिस्तान के हैंडलर के जरिये हथियार प्राप्त किए थे। सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों को गूगल मैप के जरिये हथियार वाले बैग की लाइव लोकेशन दी गई थी। इस लोकेशन के बारे में यह पता चला है कि उत्तराखंड में एक अज्ञात का था। हालांकि, पुलिस इसकी पुष्टि करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पुलिस उनके मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है।
चार संदिग्धों की है तलाश
दरअसल, अब तक की जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि गिरफ्तार दोनों संदिग्धों के अलावा इनके दो आका विदेश में हैं। इसमें से एक अर्शदीप डाला जो कि कनाडा में है। डाला केटीएफ यानी खालिस्तान टाइगर फोर्स का आतंकी है। वह 2017 में फरार है। एजेंसियों के मुताबिक उसकी वर्तमान लोकेशन कनाडा में है जबकि, दूसरा आका पाकिस्तान में है। इन दोनों को उसने अपना नाम हैदर बताया था।
बाकी संदिग्धों की तलाश में छापेमारी
पुलिस सूत्रों की मानें तो ये कथित हैदर आईएसआई अधिकारी है या फिर आईएसआई के लिए काम करता है। वहीं दो अन्य संदिग्घों द्वारा हथियार की व्यवस्था करने की बात सामने आ रही है, जबकि अन्य दो संदिग्घों ने हथियार के बैग की लोकेशन देने वाले हैं। इस आधार पर विदेश में बैठे दोनों आकाओं के अलावा पुलिस इन चारों संदिग्धों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
तलाश में चार प्रदेशों में छापेमारी
पुलिस टीम अब हथियार वाले बैग की लाइव लोकेशन भेजने वाले संदिग्ध सहित चार संदिग्धों की तलाश में 4 राज्यों-दिल्ली, पंजाब, यूपी व उत्तराखंड में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस इन दोनों संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच को बढाने में एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है। इसके लिए पुलिस ने जहां इन दोनों आरोपियों के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड-सीडीआर की जांच शुरू की है, वहीं इनके नंबर की लोकेशन के आधार पर भी इनके ठिकानों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। स्पेशल सेल के अधिकारी के मुताबिक, आरोपियों से पूछताछ जारी है और साक्ष्य जुटाने की कोशिश की जा रही है।
भारतीय नेटवर्क में 4 संदिग्धों के शामिल होने का शक
जिस तरह से आतंकियों के इस ऑपरेशन में करीब 8 लोगों के शामिल होने के संकेत मिले हैं। उसके आधार पर यह बात भी सामने आ रही है कि इस नेटवर्क में चार भारतीय शामिल रहे होंगे। दरअसल, दो तो ये अरोपी हैं, जबकि दो इनके विदेशी आका हैं। वहीं चार इनके आकाओं के निर्देश पर हथियार मुहैया कराने और उसे एक खास जगह पर रखने में शामिल रहे हैं। पुलिस इन संदिग्धों की तलाश में जुटी है और करीब दर्जन भर स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
12 जनवरी के गिरफ्तार हुए थे दोनों आरोपी
दिल्ली पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी से पहले कुछ लोगो के संदिग्ध रोल के बारे में जानकारी मिली थी। इस जानकारी के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही थी, तभी कुछ संदिग्धों के राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में होने की सूचना मिली। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने 12 जनवरी को जहांगीरपुरी इलाके से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान यह पता चला कि ये लोग टारगेट किलिंग का प्लान कर रहे थे, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया। इसके साथ ही दोनों संदिग्ध पहले भी बड़ी वारदातों में शामिल रह चुके हैं। पुलिस ने दोनों से पूछताछ की। जगजीत और नौशाद पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लगाया गया था।