दिल्ली में कोरोना का कहर, रेस्तरां और बार में बैठकर खाने पर लगी पाबंदी
कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए राजधानी दिल्ली में अब रेस्तरां और बार में बैठकर खाने पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, यहां से खाना पैक कराया जा सकेगा और होम डिलीवरी की अनुमति जारी रहेगी। साथ ही एक...
कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए राजधानी दिल्ली में अब रेस्तरां और बार में बैठकर खाने पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, यहां से खाना पैक कराया जा सकेगा और होम डिलीवरी की अनुमति जारी रहेगी। साथ ही एक दिन में जोन में सिर्फ एक साप्ताहिक बाजार लगाने की ही अनुमति होगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में कोरोना वायरस के नए वेरियंट ओमीक्रोन के बाद से राजधानी में महामारी की स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया। उप राज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर सहमति जताई गई कि लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए प्रतिबंधों की जरूरतों पर भी बल दिया गया।
Today's DDMA meeting decided to close restaurants & bars & to allow 'take away' facility only. It was also decided to allow operation of only one weekly market per day per zone: Delhi LG pic.twitter.com/2U48UwsCWL
— ANI (@ANI) January 10, 2022
सूत्रों की मानें तो बैठक में विचार-विमर्श के बाद रेस्तरां और बार में बैठकर खाने पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया है। हालांकि खाना पैक कराने या होम डिलीवरी की सुविधा जारी रहेगी। रात्रिकालीन कर्फ्यू की वजह से रेस्तरां और बार को पहले ही दस बजे तक ही खोलने की अनुमति थी और रेस्तरां 50 फीसदी क्षमता के साथ काम कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन, कैलाश गहलोत, डॉ. वीके पॉल, प्रो. बलराम भार्गव, डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. एसके सिंह व अन्य अधिकारी शामिल रहे।
पूरे एनसीआर के लिए बने एक रणनीति
सूत्रों की मानें तो डीडीएमए की बैठक में दिल्ली सरकार की ओर से पूरे एनसीआर क्षेत्र में एक जैसी रणनीति बनाए जाने का मुद्दा उठाया गया। बैठक में कहा गया कि अभी जहां एक ओर दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू या अन्य पाबंदियां लगी हैं। वहीं, एनसीआर में तमाम चीजें खुली रहती हैं। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हर दिन लाखों लोगों का आवागमन होता है। इससे पाबंदियों का असर कम हो जाता है। माना जा रहा है कि केन्द्र की ओर से पूरे एनसीआर में एक रणनीति बनाने पर सहमति दी गई है। केन्द्र की ओर से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के एनसीआर शहरों के लिए कोई दिशा-निर्देश या परामर्श जारी किया जा सकता है।
मेट्रो-बस में पाबंदी नहीं
डीडीएमए की बैठक में मेट्रो और बस में भी सवारियों की संख्या आधी करने का प्रस्ताव दिया गया। कहा गया कि इससे लोगों की आवागमन सीमित करके संक्रमण की दर कम को किया जा सकता है। हालांकि, प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई, क्योंकि मेट्रो में सवारियों की संख्या सीमित करने या 50 फीसदी क्षमता करने के चलते मेट्रो के गेट पर भारी भीड़ जैसी स्थिति बनती रही है। इसीलिए अभी मेट्रो और बस में सवारियों की संख्या सीमित करने पर फैसला नहीं लिया गया है।
एक दिन में जोन में सिर्फ एक साप्ताहिक बाजार
बैठक में साप्ताहिक बाजारों पर पाबंदी लगाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। लेकिन, साप्ताहिक बाजारों में पाबंदी लगाने से दिल्ली से बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो जाने की आशंका जताई गई। इसे देखते हुए फिलहाल एक जोन में सिर्फ प्रतिदिन एक साप्ताहिक बाजार लगाने की अनुमति दी गई। जबकि, कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए साप्ताहिक बाजारों, सामान्य बाजारों और सभी सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना अनुरूप बर्ताव का पालन सख्ती से कराने का फैसला लिया गया।
टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने पर जोर
उप राज्यपाल ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को खासतौर पर 15 से 18 वर्ष की उम्र वालों के टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाए जाने का निर्देश दिया। जबकि, कोरोना संक्रमण की दर को देखते हुए चिकित्सा ढांचे में भी इजाफा करने को कहा गया है।